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योगी की पहल पर लॉक डाउन के दौरान प्रदेश के कई जिलों में शुरू हुई फसलों की कटाई

locationलखनऊPublished: Apr 05, 2020 05:33:38 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

परिणामस्वरूप प्रदेश के किसान सोशल डिस्टेनसिंग का ध्यान रखते हुए अपने फसलों की कटाई कर रहे हैं।

योगी की पहल पर लॉक डाउन के दौरान प्रदेश के कई जिलों में शुरू हुई फसलों की कटाई

योगी की पहल पर लॉक डाउन के दौरान प्रदेश के कई जिलों में शुरू हुई फसलों की कटाई

लखनऊ। इस साल फरवरी-मार्च का मौसम बेहद अप्रत्याशित रहा। कई जगहों पर भारी बारिश और ओले पड़ने से रबी की फसलों को काफी क्षति पहुंची। बची-खुची फसल जब तैयार होने को थी। उसी समय कोरोना वायरस के नाते देश में लॉक डाउन हो गया। ऐसे में किसान परेशान थे। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रबी की फसलों की कटाई और विक्रय, जायद की फसलों की बुआई और किसानों को जरूरी कृषि निवेश उपलब्ध कराने के बारे में महत्वपूर्ण कदम उठाया। जिसके कारण लॉक डाउन की अनिश्चितता में भी फसलों की कटाई शुरू हो गई है। योगी ने रबी की फसलों की कटाई में इस्तेमाल होने वाले कम्बाईन हारवेस्टर, दूसरे उपकरणों के इस्तेमाल, खाद-बीज की दुकानों के खोलने और मजदूरों को लॉकडाउन से छूट दिया। परिणामस्वरूप प्रदेश के किसान सोशल डिस्टेनसिंग का ध्यान रखते हुए अपने फसलों की कटाई कर रहे हैं।
किसानों और श्रमिकों को स्थानीय प्रशासन ने पास जारी करके फरुर्खाबाद, रामपुर, कानपुर नगर और रायबरेली में अधिकारियों ने फसल कटवाई। साथ ही योगी ने किसानों के राहत के लिए कई कदम उठाए तो सरकार ने घोषणा किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद तय समय पर शुरू होगी। इस क्रम में सरसों, चना और मसूर की खरीद दो अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इससे बुंदेलखंड और आगरा मंडल के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। मालूम हो कि सरकार एमएसपी पर क्रमश: 2.64 लाख मीट्रिक टन सरसों, 2.01 लाख मीट्रिक टन चना और 1.21 लाख मीट्रिक टन मसूर किसानों से खरीदेगी।
ये खरीद 90 दिन तक होगी। रबी के मौजूदा सीजन में फरवरी-मार्च का मौसम बेहद अप्रत्याशित रहा। भारी बारिश और ओला पड़ने से कई जगह किसानों की फसलों को क्षति पहुंची है। सरकार की मंशा है कि जिन किसानों की फसलों को क्षति पहुंची है उनको तय समय में अनिवार्य रूप से बीमित रकम मिले। इसके लिए सरकार ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे सर्वे कराकर तय समय में किसानों को उनकी क्षति की भरपाई करें। सभी जिलों के डीएम को यह निर्देश दिया गया है कि वह सर्वे के इस कार्य के लिए बीमा कंपनी के साथ कृषि और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को पास जारी कर दें।अब तक करीब 90 हजार से अधिक किसानों के आवेदन बीमा कंपनियों के पास आ चुके हैं।

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