पंद्रह केंद्रों का निरीक्षण जांच दल ने 15 स्थानों पर बायो मेडिकल वेस्ट की स्थिति का परीक्षण किया। इन सभी केंद्रों को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जारी प्राधिकार पत्र हासिल करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा बायो मेडिकल वेस्ट का नियमानुसार पृथक्कीकरण, संवहन और निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। जांच दल ने नियमों और निर्देशों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
डायग्नोस्टिक सेंटर को नोटिस निरीक्षण के दौरान जांच दल को चौक स्थित सारस्वत डायग्नोस्टिक केंद्र पर पर कई तरह की खामियां पाई गई। जांच दल ने नोटिस जारी कर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रमाण पत्र हासिल करने और निर्देशों का पालन करने की चेतावनी दी। सीएमओ डॉ जी एस बाजपेई ने बताया कि जनपद में संचालित चिकित्सालय, नर्सिंग होम, क्लीनिक, डिस्पेंसरी, एनिमल हॉउस, पैथोलॉजी, लेबोरेट्री व ब्लड बैंकों की नियमित रूप से जांच दल निरीक्षण करेगा और लापरवाही पाए जाने पर जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बड़ी समस्या है बायो मेडिकल वेस्ट बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण एक बड़ी चुनौती रही है। खासतौर से निजी नर्सिंग होम्स और पैथोलॉजी के आसपास वहां से निकलने वाले अपशिष्ट अक्सर पर्यावरण के नजरिये से चिंता का विषय रहे हैं।कई बार शासन स्तर पर इसे लेकर कार्रवाई के प्रयास हुए लेकिन इस समस्या पर रोक लगा पाने में स्वास्थ्य महकमा नाकाम रहा। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद हरकत में आये स्वास्थ्य महकमे ने इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान केंद्रित किया है और कार्रवाई शुरू हुई है।