सर्कुलर में कहा गया कि सेहत के लिए नुकसानदेह बिस्कुट को सरकारी कैंटीनों में नहीं बेचा जाएगा। वहीं प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई जाएगी। ज्यादातर लोग रोजमर्रा के छोटे-छोटे कामों के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं। प्लास्टिक कचरे से प्रदूषण बढ़ता है। वहीं प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीना भी नुकसानदेह है। देश में स्वस्थ वातावरण हो इसके लिए जरूरी है कि जितनी जल्दी ऐसी चीजों के इस्तेमाल को रोका जाए, उतना अच्छा।
विभागों और मंत्रालय से शुरुआत स्वस्थ नाश्ते की शुरुआत सरकारी मंत्रालय के विभागों और संस्थानों से की जाएगी। इसके बाद इसका विस्तार किया जा सकता है। ये कदम एक डॉक्टर की पहल पर उठाया गया है, इसलिए इसे अन्य मंत्रालयों एवं विभागों से भी लागू करने का अनुरोध किया जाएगा। यह नियम स्वास्थ्य मंत्रालय के नियंत्रण में आने वाले एम्स में भी लागू होगा। वहां भी नाश्ते में चाय के साथ बिस्कुट पर बैन लगेगा। देशभर के अन्य राज्यों के अस्पतालों मे भी बिस्कुट की बिकरी पर रोक लगाई जाएगी।
सेहत की दृष्टि से नुकसानदेह बिस्कुट दरअसल, यह फैसला अच्छी सेहत को ध्यान में रखकर लिया गया है। चिकित्सकों की राय में बिस्कुट की अपेक्षा लाई, चना, खजूर, अखरोट, बादाम मिनरल्स और विटमिन्स से भरपूर होते हैं। अधिकतर बिस्कुट में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में सुबह एक कप चाय के साथ मीठे बिस्कुट का सेवन सेहत बिगाड़ता है। नियमित रूप से चाय-बिस्कुट का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ती है। इससे मोटापा भी बढ़ता है।