निदेशक ने बताया कि कई ऐसे केसेस अस्पताल में आते हैं, जिनमें मरीजों को हार्ट ट्रांसप्लांट की भी जरूरत होती है। लेकिन असुविधा के कारण ऐसे मरीजों का ट्रांसप्लांट नहीं हो पाता था। कई ब्रेन डेड मरीजों के केस भी आते हैं। ऐसे मरीजों को बचाया नहीं जा सकता लेकिन उनके अंगदान से दूसरों को जीवनदान दिया जा सकता है। एक ब्रेनडेड मरीज के कई अंगों से कुल 50 लोगों का जीवन बच सकता है। ऐसा होने पर किडनी ट्रांसप्लांट की वेटिंग आधी से कम हो जाएगी।
30 नए बेड होंगे शुरू नई ट्रांसप्लांट सुविधा शुरू होने पर अगले एक-दो महीने में 30 नए बेड भी शुरू कर दिए जाएंगे। इनकी संख्या बढ़ भी सकती है। निदेशक ने बताया कि अलग सुविधा के लिए नई बिल्डिंग बनवाई जाएगी।
निदेशक ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट समेत आईसीयू के नए बेड शुरू करने के लिए मैनपावर की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए पहले रिक्त पद भरे जाएंगे। इसके बाद आउटसोर्सिंग के जरिए तैनाती होगी। यहां पहले से तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याएं भी दूर की जाएंगी।
ये भी पढ़ें: एक अप्रैल से बंद हो जाएगी इन वाहनों की बिक्री, सड़कों पर चलेंगी सिर्फ इस तरह की गाड़ियां, आदेश जारी जल्द शुरू होगा लिवर प्रत्यारोपण भी पीजीआई में बीते एक साल से बंद पड़े लिवर प्रत्यारोपण भी शुरू किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। डॉ. धीमान खुद पेट और लिवर से जुड़ी बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। वह अभी तक चंडीगढ़ के हैपटोलॉजी विभागा के प्रमुख थे। उनका कहना है कि संस्थान में राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर करार के जरिए शोध को बढ़ावा देंगे। ताकि पीजीआई में इलाज की नई तकनीक और गुणवत्ता और बेहतर हो सके। साथ ही मरीज हित में यहां अन्तरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं स्थापित हो।