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बिना सर्जरी के 12 लाख में लगेगा देसी दिल, लखनऊ में सुविधा

locationलखनऊPublished: Feb 09, 2019 04:44:02 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

राजधानी लखनऊ के पीजीआई में अब हार्ट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत पड़ने पर मरीजों को विदेशी की जगह देसी वॉल्व लगाए जाएंगे

लखनऊ. राजधानी लखनऊ के पीजीआई में अब हार्ट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत पड़ने पर मरीजों को विदेशी की जगह देसी वॉल्व लगाए जाएंगे। पीजीआई डॉक्टरों के मुताबिक विदेशी वॉल्व लगाने पर करीब 25 लाख रुपये का खर्च आता था। इसके उलट देसी वॉल्व लगाने पर महज 12 लाख रुपये खर्च होंगे। पहले विदेशी वॉल्व मेक्सिको से मंगवाया जाता था लेकिन अब देसी वॉल्व के जरिये मरीजों के ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है। देसी वॉल्व गुजरात में बन रहा है, जिसका निर्माण मेरिल लाइफ साइंसेस कम्पनी कर रही है।
छह मरीजों को लगाया देसी वॉल्व

अब तक 6 मरीजों को देसी वॉल्व लगाया जा चुका है और सभी सामान्य जीवन जी रहे हैं। पीजीआई में पहला देसी वॉल्व 73 साल के एक बुजुर्ग को लगाया गया। वॉल्व की सफलता की रिपोर्ट ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भेजी गई। इस रिपोर्ट के मूल्यांकन के बाद सरकार ने बाकी मरीजों को अब देसी वॉल्व लगाने की मंजूरी दे दी है ।
पैर की नस से लगाया जाएगा वॉल्व

पीजीआई में हर साल तकरीबन 50-60 मरीज ऐसे आते हैं जिनकी ओपन सर्जरी नहीं की जा सकती। इससे इन्फेक्शन का खतरा भी बना रहता है। ऐसे मरीजों के पैरों की नस से एक पतला तार डालकर दिल में वॉल्व लगाया जाता है। डॉ. पीके गोयल के मुताबिक ट्रांस कैथेटर एरोटिक वॉल्व इम्प्लाटेशन तकनीक के जरिए पैर की नस से वॉल्व लगाया जाएगा। इससे मरीज रिकवर भी जल्दी करेगा और इन्फेक्शन का खतरा भी नहीं रहेगा।
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