उत्तर प्रदेश के दर्जनभर से अधिक जिलों में टिड्डियों का आतंक फैला है। हालांकि, फसलें कम होने के कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। संयोग से टिड्डियों का हमला भी उस समय हुआ है जब अधिकतर खरीफ फसलों की बुआई के लिए खेत तैयार किया जा रहा है। कृषि निदेशक सौराज सिंह का कहना है कि वर्तमान में केवल जायद की फसलें सब्जी, चारा व दलहन आदि ही खेतों में है। जायद फसलों की बोआई मात्र नौ लाख हेक्टयर में होती है। गन्ना क्षेत्र वाले अधिकतर जिलों में भी टिड्डियां अभी नहीं पहुंच सकी हैं। प्रशासन और किसानों की सतर्कता के चलते 60 प्रतिशत टिड्डियों को बैठते ही मार गिराया जा रहा है। केंद्रीय टीमें भी उनको नष्ट करने में सक्रिय है।
सेना से मदद का प्रस्ताव कृषि विभाग ने तय किया है कि जिन-जिन जिलों में टिड्डी दल बैठेंगे वहां कीटनाशक छिड़का जाएगा। कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन की व्यवस्था की गई है। लेकिन टिड्डी दल पर अब भी काबू पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों की तरफ से सेना की मांग की गई है। केंद्रीय कीटनाशी प्रबंध संस्थान की ओर से सेना की मदद लेने का प्रस्ताव भेजा गया है। वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से कीटनाशक छिड़काव कर टिड्डियों पर पूरी तरह काबू पाया जा सकता है।