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हाईकोर्ट ने 42 अरब रुपये के स्मारक घोटाले में चार्जशीट रद्द करने से किया इनकार, याचिका निस्तारित

locationलखनऊPublished: Mar 22, 2021 08:30:50 am

न्यायामूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने यह आदेश अजय कुमार व एक अन्य की याचिका पर दिया।

हाईकोर्ट ने 42 अरब रुपये के स्मारक घोटाले में चार्जशीट रद्द करने से किया इनकार, याचिका निस्तारित

हाईकोर्ट ने 42 अरब रुपये के स्मारक घोटाले में चार्जशीट रद्द करने से किया इनकार, याचिका निस्तारित

लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार के दौरान वर्ष 2007 से वर्ष 2011 के बीच लखनऊ व नोएडा में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाले में दाखिल आरोपपत्र को खारिज करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस संबंध में दाखिल याचिका को निस्तारित कर दिया। हालांकि अदालत ने याचियों को अभियोजन स्वीकृति के आदेश को विचारण के दौरान चुनौती देने की अनुमति दे दी है। न्यायामूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने यह आदेश अजय कुमार व एक अन्य की याचिका पर दिया।

 

आरोपपत्र को खारिज करने की थी मांग

याचियों ने अपने खिलाफ दाखिल आरोपपत्र को खारिज करने की मांग की थी। याचियों ने एमपी-एमएलए कोर्ट, लखनऊ द्वारा आरोपपत्र पर संज्ञान लिए जाने के आदेश को भी निरस्त करने की प्रार्थना की थी। राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने बताया कि मामला 42 अरब रुपये घोटाले का है। तत्कालीन मंत्रियों का भी नाम इसमें आ चुका है। वहीं याचिका में तर्क दिया गया कि याचियों के खिलाफ मिले अभियोजन स्वीकृति को ट्रायल के समय चुनौती देने की छूट देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया जाए। इस पर अदालत ने उक्त छूट देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।

 

दर्ज हुई थी एफआईआर

आपको बता दें कि वर्ष 2007 से वर्ष 2011 के मध्य लखनऊ और नोएडा में स्मारक निर्माण में पत्थरों की खरीद व निर्माण में की गई अनियमितता व भ्रष्टाचार के संबंध में गोमती नगर थाने में आइपीसी की धारा 409, 120 बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)डी व धारा 13 (2) के तहत 1 जनवरी 2014 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सतर्कता अधिष्ठान द्वारा की गई विवेचना के उपरांत 83 अभियुक्तों में से छह अभियुक्तों अजय कुमार तत्कालीन इकाई प्रभारी राजकीय निर्माण निगम, एसके त्यागी तत्कालीन इकाई प्रभारी राजकीय निर्माण निगम, सोहेल अहमद फारुकी तत्कालीन संयुक्त निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, होशियार सिंह, तत्कालीन इकाई प्रभारी राजकीय निर्माण निगम, पन्ना लाल यादव कंसोर्टियम प्रमुख व अशोक सिंह कंसोर्टियम प्रमुख के विरुद्ध आरोप पत्र एमपी-एमएलए कोर्ट, लखनऊ में 15 अक्टूबर 2020 को भेजा गया था। जिस पर उसने संज्ञान लेकर अभियुक्तों को विचारण के लिए तलब कर लिया था।

 

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