प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकर ने पहले ही हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल का न्यायिक आयोग गठित कर दिया है और एसआइटी पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। ऐसे में यह जनहित याचिका महत्वहीन हो गई है, जो खारिज किए जाने लायक है। उन्होने इससे संबंधित सरकार की अधिसूचना भी पेश की, जिसका कोर्ट ने अवलोकन किया। याची नन्दिता भारती ने याचिका को यह कहते हुए वापस लिए जाने की गुजरिश की कि उसे नई याचिका दाखिल करने की इजाजत दी जाये। कोर्ट ने वापस लिये जाने के आधार पर याचिका खारिज कर दी और कहा कि अगर भविष्य में मौका पड़े तो वह नई याचिका दाखिल कर सकेंगी।