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बीडीएस डॉक्टरों की नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब

locationलखनऊPublished: Oct 05, 2020 08:07:47 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

अदालत के पहले के आदेश के तहत डेंटल सर्जन प्राईवेट एसोसिएसन के प्रत्यावेदन पर लिया जा चुका निर्णय

बीडीएस डॉक्टरों की नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब

बीडीएस डॉक्टरों की नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब

लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बीडीएस डॉक्टरों की तैनाती मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सरकारी वकील के आग्रह पर, अदालत के आदेश के पालन में संबंधित अफसरों द्वारा लिए गए निर्णय को रिकार्ड पर लाने के लिए दो हफ्ते का समय, जवाबी हलफनामा दाखिल करने को दिया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि अदालत के पहले के आदेश के तहत डेंटल सर्जन प्राईवेट एसोसिएसन के प्रत्यावेदन पर निर्णय लिया जा चुका है।

न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने यह आदेश याचियों डॉक्टर हरजेंद्र सिंह व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने कहा था कि बीडीएस डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले 4 याचिकाकर्ताओं पर गौर करने से सबंधित कोर्ट के पूर्व आदेश पर फिर से विचार कर लिया जाए। याचियों ने पूर्व आदेश का हवाला देते हुए याचिका दायर कर कहा था कि वे पहले से इन्हीं पदों पर संविदा पर कार्य कर रहे हैं, लिहाजा उनको नियुक्तियों में वरीयता दी जाए और उनके मामले पर पहले विचार किया जाए।

यचियों के वकील के मुताबिक इससे पहले भी याचीगण मांग कर चुके थे, जिस पर अदालत ने कहा था कि सरकार नीति तय करे कि पहले से संविदा पर काम कर रहे लोगों को अनुभव के आधार पर वरीयता दी जा सकती है अथवा नहीं। मालूम हो कि वर्ष 2017 में डेन्टल सर्जन बीडीएस डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी हुआ। इसमे 595 पदों पर नियुक्ति होनी थी। याचीगण ने उस समय भी याचिका दायर कर मांग की थी कि पहले से संविदा पर काम कर रहे अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाए। अदालत ने याचिका पर कहा था कि भर्ती के समय इनकी मागों पर विचार किया जाए।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि विभाग ने याचियों के मामले पर विचार किये बिना भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली और अब नियुक्ति पत्र जारी होने जा रहे हैं। याचिका में मांग की गई कि नियुक्ति पत्र जारी होने से पहले याचियों के मामले पर विचार कर निपटारा किया जाए। अधिवक्ता ने बताया कि यह भी कहा गया कि इस मामले में अदालत निर्देश दे चुकी है कि संविदा पर काम कर रहे लोगो की वरीयता संबंधी मामले को निपटाने के बाद ही नियुक्ति पत्र जारी किए जाए। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद नियत की है।

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