याची का कहना था कि जिस तरह हर बार आम चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों का चुनाव चिन्ह बदल दिया जाता है उसी तरह वर्ष 1961 के सम्बंधित चुनाव नियमों के तहत, राजनीतिक दलों के आरक्षित चुनाव चिन्ह भी हर बार चुनाव में बदले जाने चाहिए। उधर, चुनाव आयोग की तरफ से अधिवक्ता ने याचिका को सुनवाई लायक होने( ग्राह्यता) के मुद्दे पर आपत्तियां उठाईं। कोर्ट ने चुनाव आयोग को याचिका पर जवाबी हलफ़नामा दाख़िल करने को तीन हफ्ते का समय दिया। इसके बाद याची की तरफ से सप्ताह भर में प्रतिउत्तर दाख़िल किया जा सकेगा। इसके बाद अदालत ने इस याचिका को, पहले की एक अन्य याचिका के साथ ग्राह्यता के बिन्दु पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।