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अब यूपी की सड़कें बनाएंगे आईआईटी के इंजीनियर

locationलखनऊPublished: Dec 08, 2017 04:51:40 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

बनेंगी उच्च गुणवत्ता की सड़कें, निर्माण की नई तकनीक पर शुरू हुई दो दिवसीय कार्यशाला।

Nitin Gadkari

Nitin Gadkari

लखनऊ. रोड बनने से गरीबी हटा सकते हैं, रोजगार दे सकते हैं। अटल जी जब पीएम थे तब उन्होंने मुंबई से दिल्ली बुलाकर यह जिम्मेदारी दी थी कि देश में अब सड़कों के लिए काम करो। यह बातें यहां केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यहां पर एक कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान कही।
कार्यशाला में प्रदेश में सड़कें बनाने में नई तकनीक के प्रयोग को लेकर दो दिनों तक मंथन चलेगा। कार्यशाला की शुरुआत शुक्रवार को केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने की। बिहार के सीएम नीतीश कुमार व प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य समापन करेंगे।
इस मौके पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अब प्रदेश की हर सड़क दो लेन से कम नहीं होगी। गांवों में भी अब सिंगल लेन की दो लेन की सड़कें बनेंगी। अब सड़क के निर्माण और उसके पूरा होने की तिथि का विवरण वेबसाइट पर डाला जाएगा।
सवाल पैसे, टेक्रोलॉजी का नहीं विजन का है
यूपी की सड़के अब आईआईटी के इंजीनियर बनाएंगे। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अटल जी जब पीएम थे तब उन्होंने मुझे मुंबई से दिल्ली बुलाकर जिम्मेदारी दी थी कि देश में अब सड़कों के लिए काम करो। देश में साढ़े छह लाख गांव हैं। अगर इनको मजबूत सड़कों से जोड़ दिया जाए तो देश की जीडीपी में १ लाख १० हजार करोड़ का इजाफा होगा। देश की सबसे लोकप्रिय योजना प्रधानमंत्री सड़क योजना का शुभारंभ करने का मौका मुझे अटल जी की सरकार में ही मिला, सवाल पैसे, टेक्रोलॉजी का नहीं विजन का है। गोआ में एक लोकसभा है मैंने गोआ को १५ हजार करोड़ दिया, वॉटर, पॉवर, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन होगा वहीं विकास होगा। अमेरिका की सड़कें इसलिए नहीं अच्छी हैं क्योंकि अमेरिका की सड़कें इसलिए नहीं अच्छी हैं क्योंकि अमेरिका अमीर है। अमेरिका इसलिए अमीर है कि वहां की सड़कें अच्छी हैं।
नई तकनीक आज के समय की जरूरत है
इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सड़क परिवहन के क्षेत्र में अपनी नई विचारधारा के लिए माने जाते हैं। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जो काम हुए उन्हें साझा नहीं किया गया। कहा कि सड़कों के निर्माण में कम लागत में पर्यावरण का नुकसान किए बगैर रीसायक्लिंग से नई तकनीक आज के समय की जरूरत है। मौर्य ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो एक लाख इक्कीस हजार किलोमीटर गड्ढायुक्त सड़कें मिली हैं। हमने चौरासी हजार किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया। सेंट्रल रोड फंड से उत्तर प्रदेश को दस हजार करोड़ रुपए का फंड मिला। पहले मात्र सात सौ करोड़ रुपए मिलते थे।
इस कार्यशाला में कुछ प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यों के लोक निर्माण मंत्री व उनके अफसर तथा आईआईटी व अन्य संस्थानों के सड़क निर्माण विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। इसमें इंडियन रोड कांग्रेस के महासचिव समेत नीदरलैंड, जर्मनी व इंग्लैंड के तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि इस तरह की कार्यशाला प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में पहली बार हो रही है। कहा कि हमारी सरकार सड़कों की गुणवत्ता, उनकी भार सहने की क्षमता और लागत कम करने पर गहनता से विचार कर रही है। इन तीन बिंदुओं को लेकर कार्यशाला में विचार साझा किया जाएगा।
यूपी की ये सड़कें बनी हैं नई तकनीक से
मौर्य ने बताया कि तकनीक विशेषज्ञों को भाजपा सरकार के आठ महीने के कार्यकाल में बनी 15 नवीनतम तकनीक की सड़कों पर भी ले जाया जाएगा। इनमें पांच करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क उन्नाव की दोस्ती नगर बाईपास, 277 करोड़ का हरदोई में पलिया-लखनऊ मार्ग, 342 करोड़ का सीतापुर से बिलरायां-पनवारी मार्ग, 170 करोड़ का लखनऊ-हरदोई मार्ग, 202 करोड़ का लखनऊ-पलिया मार्ग, उन्नाव में 19 करोड़ का संडीला-रसूलाबाद-चकरवंशी मार्ग, 102 करोड़ का उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग, 31 करोड़ का लखनऊ में बिजनौर-सिसंडी-मौरावां मार्ग, 4 करोड़ कस लखनऊ-कुर्सी-महमूदाबाद मार्ग, 33 करोड़ का लखनऊ-वाराणसी (तेलीबाग) मार्ग, लखनऊ में 21 करोड़ का पिकप तिराहे से शहीद पथ तक, 16 करोड़ में गोला-अलीगंज मार्ग, 16 करोड़ में कानपुर देहात में सिकंदरा-झींझक- रसूलाबाद मार्ग तथा १३६ करोड़ का जौनपुर में लुम्बिनी-दुद्धी मार्ग शामिल हैं।

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