लखनऊ

हाईकोर्ट का फैसला, शहर में अपना घर है तो खाली करना होगा किराये का मकान

हाईकोर्ट (High Court) का फैसला, शहर में अपना घर है तो खाली करना होगा किराये का मकान

लखनऊNov 12, 2019 / 02:28 pm

Ruchi Sharma

किरायेदारों को खाली करना होगा किराए का मकान, हाईकोर्ट के इस फैसले से मिला बड़ा झटका

लखनऊ. किराए के मकान में रह रहे किराएदारों के लिए एक बड़ी खबर है। हाईकोर्ट ने बड़ा फैसले लेते हुए आदेश दिया है कि अगर किसी भी किराएदार का शहर में अपना खुद का मकान है तो उसे किराए का मकान खाली करना पड़ेगा। मकान मालिक (Land Lord) उससे किराये का मकान खाली करा सकता है। मेरठ के मकान मालिक दीपक जैन व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने बहस की। इस फैसले से मकान मालिकों ने चैन की सांस ली है। गोमतीनगर निवासी गौतम प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि किराएदारों के पास खुद का मकान होने के बावजूद भी वह किराए के मकान में रहते है अौर धीरे-धीरे कब्जा करने लगते है।

अब किराएदार के पास उसी शहर में निजी मकान है तो वह किराये के मकान पर मकान मालिक की इच्छा के विरुद्ध कब्जा नहीं रख सकता है। हाईकोर्ट के फैसले ने मकानमालिकों को राहत दी है।
बता दें कि वेद प्रकाश अग्रवाल याची दीपक जैन के मकान में किराएदार थे। उनकी मृत्यु के बाद परिवार के अन्य सदस्य किराए के मकान में बतौर वारिस रहते रहे, मकान मालिक ने यह कहते हुए मकान खाली करने का नोटिस दिया कि किराएदार के पास शहर में पांच मकान हैं। मकान मालिक को अपने मकान की आवश्यकता है, इसलिए मकान खाली कर दे। खाली न करने पर मकान मालिक याची ने बेदखली वाद दायर किया।
जज खफीफा ने याची के पक्ष में फैसला दिया। किंतु अपीलीय अदालत ने यह कहते हुए किराएदार की बेदखली को गलत माना कि मकान मालिक के मकान में 25 कमरे हैं इसलिए उसे और कमरों की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि अपीलीय न्यायालय ने कानून के प्रावधानों के विपरीत आदेश दिया है। इन तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया गया कि किराएदार के पास उसी शहर में पांच मकान हैं। इसलिए मकान मालिक को किराए के मकान को खाली कराने का अधिकार है। कोर्ट ने अपीलीय अदालत के फैसले को रद्द करते हुए मूल वाद में जज ख़फ़ीफा के फैसले की पुष्टि कर दी।
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