
School Kids
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। यूपी में लगातार मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन लोग हैं कि लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे। सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनने जैसे नियमों की डज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसी पर चिंता जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई है व कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है। कोर्ट ने विशेष तौर पर यूपी के चार सबसे संक्रमित जिले - लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर व मेरठ - में व्यवस्थाओं के बारे में यूपी सरकार से जवाब मांगा है।
लोगों में लापरवाही का सबब देखते हुए कोर्ट ने हर दो किमी पर सिपाही को तैनात कर लोगों को मास्क पहनाना सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। इसमें कोई कोताही न बरती जाए, इसके लिए कोर्ट ने अगली सुनवाई में तैनात उन सभी सिपाहियों के नामों की सूची भी मांगी है। गौरतलब है कि टीम-11 संग बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इन्हीं जिलों को लेकर प्रतिदिन समीक्षा कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं व कोरोना को नियंत्रित करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं। हाईकोर्ट ने इसके अलावा प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के खुलने पर भी चिंता जताई।
स्कूल का खुलना चिंता का विषय-
हाईकोर्ट ने यूपी में खोले गए स्कूलों को लेकर भी चिंता जताई है। कोर्ट ने खासतौर पर छोटे बच्चों को लेकर चिंता व्यक्त की है क्योंकि उनके द्वारा कोविड को लेकर दिशा-निर्देशों की अनदेखी करने की सबसे अधिक संभावना रहती है। पीठ ने कहा कि सात दिसंबर से कई स्कूल-कॉलेज खोल दिए गए हैं। ऐसे में शुिक्षक व छात्र दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं या नहीं, यह चिंता का विषय है। कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी निजी व सरकारी स्कूलों में जाकर निरीक्षण करें व देखें कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है या नहीं।
लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ में इतने एक्टिव केस-
हाईकोर्ट ने जिन चार जिलों में बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताई है, वहां वर्तमान में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ में 3088 सक्रिय मामले हैं। यहां बीते दिनों प्रतिदिन औसतन 300 मामले सामने आए हैं। वहीं मेरठ में 2069, गाजियाबाद में 1357 व गौतमबुद्ध नगर- 893 कोरोना मरीजों का इलाज जारी है। कोर्ट ने इन जिलों में तैयारियों को लेकर असंतोष व्यक्त किया है। व कहा है कि इन चार जिलों के दायर हलफनामे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है। अगली सुनवाई पर कोर्ट ने ज्यादा जानकारी मांगी है।
बंद पैकेट में बेचे जाएं सामान-
सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने लखनऊ डीएम की ओर से पेश किए गए हलफनामे को देखने के उपरांत कहा कि हर दिन 300 से ज्यादा संक्रमित मामले मिलना चिंता का विषय है। केवल पुलिसिंग के जरिए ही मास्क पहनने के नियम का पालन कराया जा सकता है। ऐडवोकेट कमिश्नर ने खुले में खाने-पीने की चीजें बेचने जाने को लेकर कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद खाने-पीने की चीजें खुले में बेची व खाई जा रही हैं। कोर्ट ने निर्देश दिए कि खाने-पीने का सामान बंद पैकेट में ही बेचे जाएं। इसे सख्ति से सुनिश्चित किया जाए।
Published on:
13 Dec 2020 04:21 pm
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