न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने यह आदेश आरोपी की जमानत अर्जी पर दिया। यह मामला हरदोई जिले के शाहाबाद थाने से संबंधित था जिसमें आरोपी के खिलाफ पीड़ित युवती की तरफ से छेड़ – छाड़, रंगदारी माँगने और सूचना तकनीक कानून के तहत आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें आरोप थे कि आरोपी ने सहपाठी युवती का मोबाईल नम्बर लेकर उसपर गंदे व अश्लील संदेश भेजने शुरु कर दिए तथा युवती का इंस्टाग्राम व स्नैपडील आदि हैक कर लिया। इनके जरिए वह अन्य लड़कों को अश्लील व गंदे मैसेज भेजने लगा। आरोपी, युवती पर दबाव बनाने लगा कि वह 1090 डायल कर परिजनों के खिलाफ केस दर्ज कराए। जब युवती ने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो आरोपी ने युवती से 2 लाख रुपए लाने को कहा साथ ही धमकी दी कि रुपए न लाने पर वह युवती के छोटे भाई को मार डालेगा। यह भी धमकाया कि अगर इसकी जानकारी पुलिस को दी तो पूरे परिवार को मार डालेगा और आडियो, वीडियो क्लिप्स को वायरल कर देगा।
युवती ने अपने कलमबंद बयान में उक्त आरोपों वाले अभियोजन केस का समर्थन किया था। अदालत ने आदेश में कहा कि आवेदक, युवती की जिंदगी को बर्बाद करने का आरोपी है जो उसे धमकाता रहा और ब्लैकमेल करता रहा। ऐसे में, इस स्तर पर आरोपी को जमानत पर रिहा करने का कोई अच्छा आधार नहीं है, जबकि अभी केस का विचारण होना है और केस में पीड़िता का परीक्षण किया जाना है। इसके मद्देनजर, कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।