डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ में इस मामले में मीडिया से बातचीत करते हुए पूरे घटना क्रम पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा आतंकी बेहद खतरनाक बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि उसे टेरर फंडिंग कहां से हो रही है? इसके टारगेट क्या थे? व कई अन्य जानकारी भी पूछताछ के दौरान हासिल की जाएगी। डीजीपी ने बताया कि प्रारम्भिक पूछताछ में पता चला है कि उसकी योजना गणेश चतुर्थी पर किसी बड़े हमले को अंजाम देने की थी।
आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। यूपी एटीएस ने कानपुर से हिजबुल मुजाहिदीन का एक आतंकी गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक पूछताछ में आतंकी ने एटीएस को अपना नाम कमर-उज-जमां उर्फ डॉ हुरैहा बताया है। पुलिस इस मामले में गिरफ्तार आतंकी से पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता लगा है कि हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी कमर-उज-जमां उर्फ डॉ हुरैहा मूल रूप से असम के जमुनामुख के सराक पिली गांव रहने वाला है।
लखनऊ में प्रेस क्रांफ्रेंस कर डीजीपी ओपी सिंह ने गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि गुरुवार सुबह कमरुज्जमा उर्फ डाक्टर हुरैहा को चकेरी थाना क्षेत्र से एटीएस की टीम और कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। डीजीपी ने बताया कि प्रारम्भिक पूछताछ में पता चला है कि उसकी योजना गणेश चतुर्थी पर किसी बड़े हमले को अंजाम देने की थी।
ऐसा प्रतीत होता है कि हिजबुल मुजाहदीन ने इसे रेकी करने के लिए भेजा था। उसके पास से एक वीडियो भी बरामद हुआ है जो कानपुर के किसी मंदिर का है, उसने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह हिजबुल के लिए काम करता है। 2017 में इसने ओबामा नाम के आदमी के साथ कश्मीर में ट्रेनिंग ली, उसके बाद वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के संपर्क में आया और उसके लिए काम करने लगा। कमर-उज-जमां ने हिजबुल की ट्रेनिंग किश्तवाड़ के ऊपरी जगलों में ली।
पुलिस के मुताबिक कमर-उज-जमां ने अप्रैल 2018 में सोशल मीडिया एके-47 के साथ अपनी फोटो डालकर सुखिऱ्यों में आया था, जिसके बाद से पुलिस को उसकी तलाश कर रही थी। इस संबंध में यूपी पुलिस ने एनआईए का भी सहयोग लिया। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि पकड़ा गया आतंकी पढा-लिखा है, उसने कंप्यूटर और टाइपिंग की ट्रेनिंग भी ली है। 2008 से 2102 के बीच वह विदेश में भी रह चुका है, उसका विवाह 2013 में असम में ही हुआ है और उसे एक बेटा भी है।