गोबर के कंडों से तैयार की जाएगी इको फ्रेंडली होलिका महंत देव्यागिरी के सानिध्य में सबसे पहले अभिजित मुहूर्त में दोपहर में मनकामेश्वर घाट उपवन में आदि गंगा मां गोमती के जल से स्थान को पवित्र कर वहां आकर्षक रंगोली बनायी गई। उसमें फूलों रंगों आदि का प्रयोग किया गया था। उसके बाद शंखनाद और जयघोष के साथ होलिका दहन का खम्भ स्थापित किया गया। महंत देव्यागिरी ने कहा कि मनकामेश्वर का होलिकोत्सव प्राकृतिक समन्वय का संदेश देगा इसलिए गोबर के कंडों से विशाल होलिका तैयार की जाएगी। मंगलवार को इस कड़ी में औषधिक महत्व के पौधों का रोपण भी मनकामेश्वर घाट उपवन में महंत देव्यागिरी की अगुआई में किया गया।
वीणा की स्थापना कर मना वसंतोत्सव मनकामेश्वर घाट उपवन में मां शारदे के वाद्य यंत्र वीणा को स्थापित कर वसंतोत्सव मनाया गया। इसमें महिलाएं पीले वस्त्र पहल कर आयीं थी। गौरा गिरी, कल्याणी गिरी, शगुन पाण्डेय, आकृति पाण्डेय ने प्राकृतिक समन्वय पर आकर्षक रंगोली रंगों और फूलों से उकेरी। इस के साथ ही वर्तिका श्रीवास्तव, उपमा पाण्डेय, किरन वर्मा, शालिनी सैनी ने मां शारदे के भजन और फागुन के गीत गाये। इस अवसर पर महंत देव्यागिरी की अगुआई में देवताओं और गुरुजनों को अबीर-गुलाल अर्पित करने के बाद परस्पर अबीर-गुलाल खेल कर फागुनोत्सव की औपचारिक घोषणा भी कर दी गई।