scriptExclusive: भ्रष्टाचार में योगी सरकार के मंत्री का राज खोलने वाले सीनियर IPS को मिली ये सजा | Home Guards ADG letter against Minister Anil Rajbhar over corruption | Patrika News

Exclusive: भ्रष्टाचार में योगी सरकार के मंत्री का राज खोलने वाले सीनियर IPS को मिली ये सजा

locationलखनऊPublished: Nov 02, 2017 08:14:16 am

Submitted by:

Dhirendra Singh

भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाला सीनियर आईपीएस अफसर ही योगी सरकार में नपा।

Minister Anil Rajbhar

Minister Anil Rajbhar letter

पत्रिका एक्सक्लूसिव

धीरेन्द्र सिंह
लखनऊ. होमगार्ड विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के काले कारनामों का खुलासे करने वाले एडीजी जसबीर सिंह के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पत्रिका के हाथ लगे एक एक्सक्लूसिव लेटर से पता चला है कि एडीजी जसबीर सिंह ने अनिमियताओं के संबंध में विभाग के राज्यमंत्री अनिल राजभर व उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ भी एक्शन लेने के लिए डीजी व शासन को पत्र लिखा था। पहले जारी किए गए लेटर में संसोधन के बाद दूसरा लेटर जारी कर यह आरोप लगाएं गए थे। सूत्रों का दावा है कि इसके बाद ही उच्च अधिकारियों व मंत्री स्तर पर शासन में दौड़ लगाकर एडीजी को हटाने के कवायद तेज कर दी गई।

विभाग के मंत्री का नाम आने पर मचा था हड़कंप
विश्वसनीय सूत्रों व एक्सक्लूसिव लेटर के मुताबिक एडीजी जसबीर सिंह ने हाल में सामने आए एक पत्र के अलावा संशोधन पत्र लिखा था, इसमें बताया गया कि विभाग के राज्यमंत्री अनिल राजभर के निजी सचिव शशी भूषण श्रीवास्तव के बेटे की प्राइवेट गाड़ी पर सरकारी ड्राइवर राम प्रकाश मिश्र को लगाया गया था। यह बात ठीक एक दिन बाद 21 सितम्बर को लिखे गए संशोधित पत्र से सामने आई है। पत्र डीजी होमगार्ड, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, विजिलेंस, डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठो को भेजा गया था। लेकिन राज्यमंत्री व उनके नजदीकियों का नाम सामने आते ही जसबीर सिंह के फौरन ट्रांसफर की कार्रवाई उच्च स्तर पर शुरु हो गई थी।

लेटर बम पर डीजी की उल्टी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक एडीजी के पत्र मिलने के बाद डीजी होमगार्ड ने शासन को खुद लेटर लिखकर उनके ट्रांसफर करने की मांग की। वहीं दावा किया जा रहा था कि एडीजी का ट्रांसफर रूटीन प्रक्रिया था। बल्कि दावा है कि डीजी ने खुद दो बार शासन को पत्र लिखा। एडीजी ने जब लिखित में डीजी से उनके ट्रांसफर के लिए शासन को पत्र लिखने का कारण जानना चाहा। तब डीजी द्वारा मौखिक रूप से आदेश न मानना कारण बताया। इस पर एजीडी ने उन आदेशों को ब्योरा डीजी से मांगा जो माने नहीं गए थे। इस पर उन्हें जवाब नहीं दिया गया।

शासन स्तर पर एडीजी के लिए दौड़
सूत्रों का दावा है मंत्री व उनके परिचितों द्वारा कई सरकारी गाड़ियों व ड्राइवरों की निजी स्तर पर ड्यूटी लगाने का खुलासा किया, तब एडीजी जसबीर डीजी और मंत्री की नज़र में चढ़ गए। सूत्र बताते हैं कि बात बढ़ने पर मंत्री व डीजी समेत वह तमाम अधिकारी शासन पहुंच गए, जिनके खिलाफ एडीजी ने जांच खोल दी थी। इसके बाद ट्रांसफर तय हुआ। ट्रांसफर होते ही छुट्टी पर गए एडीजी को छुट्टी के दिन ही आनन-फानन में रिलीव भी कर दिया गया।

पूर्व में खुलासे पर आईजी पद से हटाए गए
जानकारी के मुताबिक 2016 में जसबीर सिंह को होमगार्ड में आईजी पद पर नियुक्ति दी गई थी। लेकिन इस दौरान भी उन्होंने पूर्व सरकार में विभाग के मंत्री के स्तर से चार गाड़ियां और प्रमुख सचिव स्तर पर तीन गाड़ियों के प्रयोग का खुलासा कर पत्र लिखा था। साथ ही इन गाड़ियों को सरकारी तेल देने से मना कर दिया था, इसी के बाद डेढ़ महीने के अंदर उनका ट्रांसफर फायर विभाग में कर दिया गया।

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