यूपी में अब तक 3 चुनावों में अपना लोहा मनवा चुके अमित शाह 2022 विधानसभा चुनावों में भी ‘एक व्यूह’ तैयार करने में जुटे हैं। भौगोलिक और राजनीति परिस्थितियों को ढंग से जान चुके अमित शाह दिन में रैली और रात में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीति तैयार कर रहे हैं। पार्टी के रणनीतिकार बताते हैं कि शाह को पता है कि 2022 से ही 2024 के जीत का रास्ता तय होगा। इसीलिए उन्होंने अपने यूपी के चुनावी अभियान शुरूआत में बता दिया था कि केन्द्र में अगर वर्ष 2024 में भाजपा को केंद्र का शासन फिर से चाहिए तो 2022 में फिर से योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाना होगा। हालांकि योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने की रणनीति के कई और भी मायने हैं। फिलहाल अमित शाह की कोर टीम ने 2022 के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
अमित शाह रैलियों में जितनी तेजी से विपक्ष पर हमलावार होकर सरकार की उपलब्धियां बता रहे हैं। उतनी ही तेजी से वो भाजपा के संगठन पर भी बैठक करते हैं। जबकि कई बार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड़ड़ा को भी अपना अनुभव देते हुए नज़र आते हैं। दिन में रैली के बाद हर रोज़ रात में अगली रैली और सीटों पर मंथन करते हैं। इससे सांगठनिक तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं, बल्कि अपने पुराने अंदाज में टिकटों पर चर्चा भी कर रहे हैं। रात में होने वाली रणनीति और सुबह से ही उसके क्रियान्वयन की वजह से विपक्ष विपक्ष को संभलने का मौका नहीं मिल पा रहा है।
भगवान श्रीराम जन्मभूमि मामले पर जिस तरह से अमित शाह आक्रामक रहे हैं। उससे विपक्ष इस मामले से खुद को बचाता हुआ दिखाई देता नज़र आता है। वहीं शुक्रवार को फिर से अयोध्या में रोड शो करते हुए उन्होने जिस अंदाज में भगवान राम का नाम लेकर सपा बसपा पर हमला बोला वो एक बड़ा तीर था। जिसका विपक्ष के पास न कोई तोड़ है न ही उसका जवाब।