scriptBJP के चाणक्य रात के अंधेरे में तैयार कर रहे बड़ा प्लान, UP चुनाव जीत की दोहरी ‘व्यूह’ रचना | home minister Amit Shah's plan for bjp to win UP elections | Patrika News

BJP के चाणक्य रात के अंधेरे में तैयार कर रहे बड़ा प्लान, UP चुनाव जीत की दोहरी ‘व्यूह’ रचना

locationलखनऊPublished: Dec 31, 2021 03:11:30 pm

Submitted by:

Dinesh Mishra

उत्तर प्रदेश में भाजपा के दिग्गज रननीतिकारों ने फिर से सरकार बनाने के लिए नई रणनीति पर चर्चाएँ और उस पर क्रियान्वयन शुरू कर दिया है। इसमें प्रमुख तौर पर अमित शाह और उनकी कोर टीम के सदस्यों ने 2014 के लोकसभा चुनावों से ही यूपी को पढ़ना शुरू कर दिया था। 2017 के विधान सभा चुनाव फिर उन्हें बड़ी सफलता मिली। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने अनुभवों को परखकर आगे बढ़े और एक बड़ी जीत मिली।

File Photo of PM Modi Discussion with HM Amit Shah

File Photo of PM Modi Discussion with HM Amit Shah

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भाजपा के दिग्गज रननीतिकारों ने फिर से सरकार बनाने के लिए नई रणनीति पर चर्चाएँ और उस पर क्रियान्वयन शुरू कर दिया है। इसमें प्रमुख तौर पर अमित शाह और उनकी कोर टीम के सदस्यों ने 2014 के लोकसभा चुनावों से ही यूपी को पढ़ना शुरू कर दिया था। 2017 के विधान सभा चुनाव फिर उन्हें बड़ी सफलता मिली। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने अनुभवों को परखकर आगे बढ़े और एक बड़ी जीत मिली। अब तक तीन चुनावों में अमित शाह ने जिस बारीकी से काम किया है। उससे वो यूपी के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हो गए। एक एक विधानसभा पर उनकी बेहतर पकड़ बन चुकी है। ऐसे में उनका 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिन में रैली के बाद रात के अंधेरे में जो प्लान तैयार हो रहा है उससे विपक्ष उभरता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। इस बार पूरे चुनावी फ्रेम से बसपा गायब तो सपा भाजपा को टक्कर देने के मूड में दिखाई दे रही है।
यूपी में कैसा है अमित शाह का व्यूह प्लान
यूपी में अब तक 3 चुनावों में अपना लोहा मनवा चुके अमित शाह 2022 विधानसभा चुनावों में भी ‘एक व्यूह’ तैयार करने में जुटे हैं। भौगोलिक और राजनीति परिस्थितियों को ढंग से जान चुके अमित शाह दिन में रैली और रात में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीति तैयार कर रहे हैं। पार्टी के रणनीतिकार बताते हैं कि शाह को पता है कि 2022 से ही 2024 के जीत का रास्ता तय होगा। इसीलिए उन्होंने अपने यूपी के चुनावी अभियान शुरूआत में बता दिया था कि केन्द्र में अगर वर्ष 2024 में भाजपा को केंद्र का शासन फिर से चाहिए तो 2022 में फिर से योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाना होगा। हालांकि योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने की रणनीति के कई और भी मायने हैं। फिलहाल अमित शाह की कोर टीम ने 2022 के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
दिन में रैली, रात को संगठन की बैठक
अमित शाह रैलियों में जितनी तेजी से विपक्ष पर हमलावार होकर सरकार की उपलब्धियां बता रहे हैं। उतनी ही तेजी से वो भाजपा के संगठन पर भी बैठक करते हैं। जबकि कई बार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड़ड़ा को भी अपना अनुभव देते हुए नज़र आते हैं। दिन में रैली के बाद हर रोज़ रात में अगली रैली और सीटों पर मंथन करते हैं। इससे सांगठनिक तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं, बल्कि अपने पुराने अंदाज में टिकटों पर चर्चा भी कर रहे हैं। रात में होने वाली रणनीति और सुबह से ही उसके क्रियान्वयन की वजह से विपक्ष विपक्ष को संभलने का मौका नहीं मिल पा रहा है।
अयोध्या में रोड शो
भगवान श्रीराम जन्मभूमि मामले पर जिस तरह से अमित शाह आक्रामक रहे हैं। उससे विपक्ष इस मामले से खुद को बचाता हुआ दिखाई देता नज़र आता है। वहीं शुक्रवार को फिर से अयोध्या में रोड शो करते हुए उन्होने जिस अंदाज में भगवान राम का नाम लेकर सपा बसपा पर हमला बोला वो एक बड़ा तीर था। जिसका विपक्ष के पास न कोई तोड़ है न ही उसका जवाब।
हरदोई, सुल्तानपुर में जनसभाओं के बाद अमित शाह काशी पहुंचे और रात में संगठनात्मक बैठक की। बैठक अमित शाह के पुराने अंदाज की ओर इशारा करती है, जो चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं। इसके बाद वह मुरादाबाद, अलीगढ़ और उन्नाव में विपक्षियों पर जमकर किसी को लैब बताकर घेरा तो किसी के निजाम की कहानी बयां की। इसके बाद राजधानी लखनऊ में अमित शाह की अध्यक्षता में भाजपा मुख्यालय में हुई बैठक में अवध और कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की चुनावी तैयारियों की समीक्षा के साथ आगामी योजनाओं पर भी मंथन किया।
डिजिटल प्लेटफार्म को बनाया हथियार

लखनऊ की बैठक में विधानसभा चुनाव से पहले कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर प्रदेश की भाजपा सरकार एक ओर जहां कोविड नियंत्रण के बेहतर प्रबंधन पर फोकस करेगी, वहीं दूसरी ओर संगठन डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग कर चुनाव प्रबंधन करेगा। सूत्रों के मुताबिक बैठक में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच चुनाव पर चिंता जताई गई। पदाधिकारियों ने कोरोना नियंत्रण के बेहतर प्रबंधन, अस्पतालों में इलाज के पर्याप्त इंतजाम, कोरोना की दूसरी लहर में रही कमियों को दूर करने और डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग करने की सलाह दी।
Corona से भी फर्क नहीं पड़ा

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान पार्टी डिजिटल माध्यमों का प्रयोग अच्छे से कर चुकी हैं। डिजिटल कार्यक्रम सफल रहे हैं, इसलिए विचार किया जाए कि चुनाव के दौरान भी डिजिटल रैलियों से संवाद किया जाए। जरूरत पर छोटे कार्यक्रम शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए किए जा सकते हैं। शाह बरेली की जनविश्वास यात्रा में शामिल होंगे। वहां पर भी रात्रि विश्राम में आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो