पर क्या आपको पता है कि सेहत के खजाने से भरपूर हल्दी भी मिलावट से नहीं बची है। कभी हल्दी में चाॅक पाउडर वगैरह तो कभी इसे रंगत देने के लिये सिंथेटिक केमिकल रंगों का इस्तेमाल की बातें सामने आती हैं। पर देखने से इसका पता नहीं चलता। पाउडर वाली हल्दी में मिलावट का डर सबसे अधिक रहता है। हम आपको बताते हैं हल्दी में मिलावट को पहचाने के कुछ आसान तरीके (How to Check Turmeric Purity) जिनसे आप खुद पता लगा सकते हैं कि हल्दी शुद्घ है या फिर इसमें कोई मिलावट की गई है।
ऐसे जांचें हल्दी में मिलावट
हल्दी में इस्तेमाल किये जाने वाले केमिकल रंग जहरीले हो सकते हैं और ये हमारी सेहत पर भी असर कर सकते हैं। लीड क्रोमेट और मेटेनिल यलो जैसे कलर सेहत के लिये नुकसानदायक हो सकते हैं। इसकी पहचान के लिये टेस्ट ट्यूब में कुछ मात्रा हल्दी की लेकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड की बूंदें और पानी मिलाकर हिलाने पर अगर रंग बदलकर गुलाबी जैसा हो जाता है तो इसका मतलब है कि इसमें मेटेनिल यलो मिला हुआ है। फ्लास्क में पानी और हाइड्रोक्लोरिक एसिड की बूंदें डालने पर अगर बुलबुले आएं तो इसमें यलो सोप पाउडर मिला हो सकता है।
पानी से करें हल्दी की शुद्घता की जांच
हल्दी की शुद्घता की जांच पानी से भी कर सकते हैं। हल्दी की रंगत निखारने और उसे चमकीला बनाने के लिये अक्सर उसपर पाॅलिश की जाती है। ऐसे में हल्दी के टुकड़े को किसी पेपर पर रखकर उसपर ठंडा पानी डालने से कुद ही समय में अगर उसका रंग निकलने लगे तो समझ लें कि उसपर पाॅलिश किया गया है। असली हल्दी की पहचान के लिये हल्दी पाउडर को किसी चीज में थोड़ा गर्म पानी लेकर उसमें एक चम्मर हल्दी डालकर 20 से 25 मिनट इंतजार करें। इसे मिलाएं बिल्कुल नहीं। अगर हल्दी नीचे बैठ जाती है और उपर साफ पानी रह जाता है तो इसका मतलब है कि इसमें मिलावट की गई है।
भारत है हल्दी उत्पादक देश
हल्दी भारत में उपजाए जाने वाले प्रमुख मसालों में से एक है। औषधी के रूप में भी इसका इस्तेमाल होता है। भारत एक हल्दी उत्पादक देश है और कहा जाता है कि सबसे अधिक हल्दी भारत में ही उगाई जाती है। साल 2019-20 के दौरान हल्दी का उत्पादक 9 लाख टन से अधिक हुआ था। 2020-21 तक हल्दी का निर्यात बढ़कर 15 फीसदी तक होने का अनुमान लगाया गया है।