परिवहन विभाग ने तय की गाडिय़ों की हाई स्पीड लिमिट,-रिंग रोड की बढ़ती संख्या की वजह से लिया गया फैसला.
लखनऊ•Mar 16, 2018 / 03:20 pm•
Ashish Pandey
लखनऊ. बड़े शहरों में गाडिय़ों से फर्राटा भरने वाले सावधान हो जाएं। यदि शहरी इलाके में 50 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलती हुई कोई भी मोटरसाइकिल या स्कूटर पायी गयी तो चालक का चालान हो सकता है। दो बार की चेतावनी के बाद भी नहीं चेते तो लाइसेंस रद हो सकता है। और तो और आपका लाइसेंस ब्लैक लिस्ट मे डाला जा सकता है। इसका मतलब हुआ किसी और शहर से भी लाइसेंस भी नहीं बन सकता है।
कार के लिए अधिकतम रफ्तार 70 किमी प्रति घंटा
शहरी क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय ने मोटर गाडिय़ों के नए स्पीड मानक तय करने का फैसला लिया है। इसके लिए चार पहिया वाहनों विशेषकर कारों के लिए अधिकतम स्पीड 70 किमी प्रति घंटा और दो पहिया वाहनों के लिए 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तय की गई है। इसी तरह कार्गो वाहन यानी कॉमर्शियल गाडिय़ों के लिए यह सीमा 60 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी। केंद्रीय परिहन मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया है वे अपने राज्यों के बड़े शहरों में स्पीड के इस मानक को लागू करवाने संबंधी आदेश जारी करें।
राज्य सरकारें अपने स्तर से ले सकती हैं फैसला
केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर गाडिय़ों की रफ्तार की सीमा तय की है। लेकिन, राज्यों को अधिकार है कि वे अधिकतम स्पीड को अपने स्तर से तय कर सकती हैं। अभी तक ज्यादातर राज्यों के शहरी क्षेत्रों में गाडिय़ों की अधिकतम स्पीड 40 से 50 किमी प्रति घंटे तय थी। लेकिन अधिकतर शहरों में रिंग रोड बन जाने की वजह से ट्रेफिक सुगम हुआ है। इसलिए केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय ने शहरी इलाकों से गुजर रहे रिंग रोड पर रफ्तार की अधिकतम सीमा में इजाफा किया है। लेकिन, राज्य सरकारें अपनी जरूरत के हिसाब से इस लिमिट को और कम कर सकती हैं। हाइवे और एक्सप्रेस पर बसों और ट्रकों के लिए अधिकतम रफ्तार की सीमा 120 किमी प्रति किमी तय की गयी है।
इन वजहों से होते हैं एक्सीडेंट्स
अधिकतर शहरों में रिंग रोड बन गए हैं। लेकिन जनसंख्या में बढ़ोतरी की वजह से वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। अधिकतर युवा शहरी क्षेत्रों में भी फर्राटा भरते रहते हैं ऐसे में आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। परिवहन विभाग के नियमों का यदि कड़ाई से पालन किया जाए तो दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।