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किसानों पर पड़ी महँगाई की दोहरी मार, महँगे डीजल के बाद एनपीके खाद के भी बढ़े दाम

locationलखनऊPublished: Oct 17, 2021 05:49:59 pm

Submitted by:

Vivek Srivastava

डीजल, पेट्रोल एवं कृषि लागत के बीच सिंचाई आदि की महंगाई से तबाह देश में बदहाली से जूझ रहे किसानों पर सरकार ने बर्बादी के लिए एक और निर्णय किया है। रबी की फसलों की बोवाई शुरू हो चुकी है वहीं एनपीके खाद 265 रुपये प्रति बोरी महँगी हो गयी है। यह दरें 15 अक्टूबर से लागू हो गयी हैं। नये रेट के अनुसार 50 किलोग्राम एनपीके जो 1175 रूपये में मिलती थी अब बढ़ी हुई दरों पर 1440 रूपये में मिलेगी। एनपी उर्वरक में भी 70 रुपये बढ़ोतरी की गयी है।

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लखनऊ. नाट्रोजन-फास्फोरस-पोटैशियम यानि एनपीके और गंधक यानि एनपी उर्वरकों की कीमत में 265 रुपये तक की वृद्धि हो गयी है। हाँलाकि पुराना स्टॉक पुरानी कीमत पर मिलेगा। नयी दरें 15 अक्टूबर से लागू हो गयी हैं। जिन बैग पर पुराने मूल्य दर्ज हैं, वे उन्हीं दरों पर बेचे जाएँगे। जिन बैग पर नये दर प्रिंट होंगे, वही नयी दरों पर बेचे जाएँगे। किसानों के लिए एक राहत की बात ये रही कि यूरिया व डीएपी के कीमत में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं की गई है।
दो तरह के एनपीके तैयार करता है इफको

आपको बता दें कि इफको, नाट्रोजन-फास्फोरस-पोटैशियम पोषक तत्वों के अनुपात के हिसाब से दो तरह के एनपीके तैयार करता है। 50 किलोग्राम बैग वाला एनपीके (10:26:26 अनुपात) वर्तमान में 1175 रुपये में मिल रहा है। इसकी कीमत बढ़ाकर 1440 रुपये कर दी गई है। इसी तरह एनपीके (12:32:16) वर्तमान में 1185 रुपये में मिल रहा है। इसकी कीमत बढ़ाकर 1450 रुपये कर दी गई है।
इस तरह इन दोनों ही तरह के एनपीके के दाम में 265 रुपये प्रति 50 किलो के बैग पर वृद्धि की गई है। नाइट्रोजन व फास्फोरस के साथ गंधक मिले एनपी खाद के दाम में 70 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग वृद्धि की गई है। वर्तमान में 50 किलोग्राम एनपी 1150 रुपये में मिल रहा है। अब इसकी कीमत 1220 रुपये प्रति बैग कर दी गई है।
पिछले साल के मुकाबले आधे से भी कम है डीएपी का स्टॉक

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 30 सितंबर, 2021 को देश में डाईअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) का स्टॉक पिछले साल के मुकाबले आधे से भी कम था। इसके चलते किसानों को इन उर्वरकों की उपलब्धता के संकट से जूझना पड़ रहा है। यूरिया और कॉम्पलेक्स उर्वरकों में एनपीके ग्रेड के उर्वरकों का स्टॉक पिछले साल से कम तो है लेकिन इनके स्टॉक में बहुत अधिक गिरावट नहीं है।
डीएपी में 438 रुपये प्रति बैग सब्सिडी देती है सरकार

सरकार चाहती है कि उर्वरक कंपनियां दाम नहीं बढ़ाएं और अपने मुनाफे की बजाय किसानों को उचित कीमत पर उर्वरक उलब्ध कराएं। यह डीएपी के मामले में तो संभव है क्योंकि सरकार ने उस पर 438 रुपये प्रति बैग की अतिरिक्त सब्सिडी देने का फैसला किया है। लेकिन एनपीके 12:32:16 के मामले में यह संभव नहीं हैं।
किसानों को फायदा नहीं

कृषि लागत में निरंतर हो रही बढ़ोतरी से सरकार द्वारा निर्धारित MSP पर भी खरीदारी की जाये तब भी किसान को फायदा नहीं है। मोदी सरकार में जिस तरह से कृषि लागत बढ़ी है गेहूँ, धान, तिलहन, दलहन सभी की MSP मौजूदा MSP से दोगुनी होनी चाहिए। 100 रुपये डीजल, 1440 रुपये प्रति बोरी उर्वरक, मजदूरी, परिवहन और बीज आदि सभी को जोड़ लें तो धान और गेहूँ की MSP कम से कम 4000 रुपये प्रति कुंतल से कम नहीं होनी चाहिए।
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