सर्वे में एशिया का शैक्षिक क्षेत्र में दबदबा बरकरार है। इनमें से 132 संस्थान एशिया के हैं। टॉप 10 में भी एशिया के संस्थानों ने स्थान पाया है। 127 संस्थान अमेरिका, कनाडा आदि देशों से हैं।आईआईटी कानपुर विश्व के विश्वविद्यालों में लगातार अपनी रफ्तार बनाए हुए है। इस रैंकिंग को जारी करते हुए एकेडमिक रेप्युटेशन, एम्प्लॉयर रेप्युटेशन, फैकल्टी, स्टॉफ, पेपर आदि चीजों को ध्यान में रखा गया है।
टाइम्स हायर एजुकेशन की इस रैंकिंग में इंजीनियरिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएस), बैंगलोर टॉप 100 में जगह बनाने में कामयाब रहा है। जिसमे इसने 89वीं रैंक हासिल की है।हलांकि सर्वे में टॉप 100 शिक्षण सस्थनों में भारत के किसी भी संस्थान का नाम नहीं है। आईआईटी कानपुर की सफलता यह है कि वह विश्व के संस्थानों में अपनी रफ्तार बनाए हुए है।
एशिया की बादशहत इस बार टॉप-500 संस्थानों की लिस्ट में एशिया का शैक्षिक क्षेत्र में दबदबा बरकरार है। इनमें से 132 संस्थान एशिया के हैं। टॉप-10 में भी एशिया के संस्थानों ने स्थान पाया है। 127 संस्थान अमेरिका, कनाडा आदि देशों से हैं। वहीं आईआईटी कानपुर ने 500 शिक्षण संस्थानों में नाम दर्ज कराकर आने वाले सालों में टॉप 100 में जगह बनाने की मुहिम में जुट गया। डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि आईआईटी कानपुर से कई स्टूडेंट्स वर्ल्ड में अपने काम के बल पर नाम और दाम कमा रहे हैं। यहीं से निकले छात्र अमेरिका, कनाडा सहित अन्य देशों में पढ़ा रहे हैं। डिप्टी डॉयरेक्टर ने कहा कि अनुशासन और बेहतरीन सुविधा के चलते अब विदेश के स्टूडेंट्स कानपुर पढ़ने के लिए आ रहे हैं।