scriptVideo: लखनऊ में अवैध पटाखा कारोबार, दीपावली से पूर्व कानपुर जैसे भयानक घटना के आसार | Illegal Diwali Crackers factory in Lucknow | Patrika News

Video: लखनऊ में अवैध पटाखा कारोबार, दीपावली से पूर्व कानपुर जैसे भयानक घटना के आसार

locationलखनऊPublished: Oct 05, 2017 07:23:42 pm

Submitted by:

Dhirendra Singh

अवैध पटाखे का काला कारोबार दीपावली से पहले फिर फलना-फूलना शुरू।

Illegal Crackers factory

Illegal Diwali Crackers Market

लखनऊ. दीपावली के पर्व को ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, बाजार दीपावली के पर्व से जुड़े समानों से सजने भी लग गया है। दीपावली में के दौरान पटाखों और आतिशबाजी का अवैध कारोबार भी तेजी से फल-फूल रहा है। लखनऊ के कई इलाकों में चोरी छीपे पटाखे बनाने का कारोबार जोरों पर है। ताकि बाजार में ज्यादा से ज्यादा पटाखों व आतिशबाजी के समान की सप्लाई की जा सके। लेकिन कानपुर में बुधवार को हुई घटना के मद्देनज़र न ही अवैध पटाखा कारोबारियों के खिलाफ एक्शन होते कम ही दिखाई दे रहा है। वहीं इस तरह के कारोबारियों ने भी उक्त घटना से कोई सीख नहीं ली। लखनऊ के मोहनलालगंज, गोसाईगंज, काकोरी व पारा समेत कई क्षेत्रों में घरों व अन्य ठिकानों पर पटाखे बनाने का खतरनाक धंधा चल रहा है।

बारूद के ढेर पर बैठे लोग
दीपावली के लिए पटाखों की सप्लाई और दुकान लगाने के लिए तैयारियां लखनऊ में शुरू हो चुकी है। वहीं पटाखों की अवैध सप्लाई और बनाने का काम भी चोरी छीपे जोरों पर चल रहा है। कानपुर के सरसौल कस्बे में अवैध पटाखा स्टोर में भयानक धमाका हुआ। इसमें दो लोगों की मौत हो गई, कई घायल हुए। साथ ही पांच घर ढह गए। इसके बाद जब पत्रिका टीम ने लखनऊ में पड़ताल की तब सामने आया कि लखनऊ के कई क्षेत्रों में अवैध पटाखा स्टोर व पटाखा बनाने का काम हो रहा है। इन क्षेत्रों में मोहनलालगंज, गोसाईगंज, काकोरी व पारा का क्षेत्रों का नाम प्रमुखता से सामने आया है। कई घरों में भी चोरी छिपे छोटे पटाखे बनाए जा रहे हैं। वहीं कई स्थान पर पटाखों को अवैध रूप से स्टोर किया जा रहा है।

देशी पटाखों का काला बाजार
मोहनलालगंज और गोसाईगंज को देशी पटाखों का काला बाजार माना जाता है। नाम न लिखने की शर्त पर इन दोनों इलाकों के स्थानीय लोगों ने बताया कि अब भी यहां देशी पटाखे बनाने का काम हो रहा है। कई लोग बारूद लाकर खुद ही पटाखे तैयार करने के काम में जुटे हुए हैं।

एक चूक और जिंदगी तबाह
पटाखों को नियम की अंदेखी कर अवैध तरीके से स्टोर करना, पटाखें बनाने के दौरान होने वाले संभावित हादसे से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है। पूर्व में भी पटाखा स्टोर करने और बनाने के दौरान धमाकों में कई लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही काफी नूकसान हो चुका है। तीन साल पूर्व मोहनलालगंज के सिसेंडी में पटाखा फैक्टरी धमाके में करीब दस लोगों की जान गई थी। लेकिन इसके बाद भी लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
– एडीएम पश्चिमी ने बताया कि दीपावली से पूर्व पटाखें बेचने का लाइंसेंस मात्र पांच दिन के लिए दिया जाता है। वहीं पटाखा बनाने की अनुमति लेने की अलग प्रक्रिया है। अवैध तरीके से पटाखा स्टोर करना और बनाना दोनों गैर कानूनी है। जिले में एसडीएम और सीओ स्तर पर इसकी जांच की जा रही है।
– एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने कहा कि प्रशासन के साथ मिलकर पुलिस अवैध पटाखा स्टोर करने वालों और बनाने वालों की सूचना इकठ्ठा कर रही है। मोहनलालगंज में आज पुलिस टीम ने छापेमारी भी की। अभी तक ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। पुलिस इसके लिए विशेष तलाशी अभियान चला रही है। थाना स्तर पर भी सभी को सचेत रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं लखनऊ पुलिस स्कूल-कॉलेज में जाकर दीपावली पर पटाखों से दूरी बनाने की सीख देगी। क्योंकि यह पर्यावरण व स्वास्थ्य दोनों के लिए ठीक नहीं हैं।

पूर्व में हुई घटनाएं
– 20 सितंबर 2014 – मोहनलालगंज के सिसेंडी में घर में पटाखा बनाने के दौरान धमाका में करीब दस की मौत, कई घायल हुए।
– 28 सितंबर 2012 – पारा क्षेत्र में पटाखा बनाने के दौरान हुए धमाके में दो बहनों की मौत।
– 12 सितंबर 2012 – मोहनलालगंज के कनकहा गांव में दो घरों में धमाके में दो की मौत।
– 17 जुलाई 2012 – काकोरी में पटाखा बनाते वक्त विस्फोट के दौरान मां और बेटे की मौत।
– 18 जून 2012 – पारा क्षेत्र में मोहान रोड के करीब स्थित कारखाने में धमाका में मां और बेटे की मौत।
– 27 अक्टूबर 2011 – तालकटोरा में मोटरसाइकिल पर पटाखा लाद ले जाते वक्त धमाके में दो जख़मी।

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