दरअसल इन्वेस्टर समिट को लेकर शहर भर में प्रचार सूचना विभाग द्वारा किया जा रहा है। लेकिन बीती 12 फरवरी को देर रात नगर निगम ने गोमती नगर क्षेत्र में इन्वेस्टर्स समिट का प्रचार कर रही अवैध होर्डिंग पर कार्रवाई की थी। लगभग 100 होर्डिंग को हटाया गया था। खुद मुख्यमंत्री द्वारा शहर भर से अवैध होर्डिंग को समिट से पहले हटाने का आदेश दिया गया था। होर्डिंग लगने की सूचना के बाद नगर आयुक्त द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों को फटकार भी लगाई गई जिसके बाद इन होर्डिंग पर कार्रवाई की गई थी। लेकिन अब एक बार फिर नगर निगम के हाथ बंध चुके हैं। इस पूरे मामले में प्राइवेट होर्डिंग वालों की पैरवी खुद महापौर संयुक्ता भाटिया ने की।
निगम अधिकारियों का मानना था कि प्राइवेट होल्डिंग इन्वेस्टर्स समिट के प्रचार की आड़ में अपनी होर्डिंग को बचाना चाहते हैं। फिलहाल महापौर की पैरवी के बाद कुछ समय तक इनकी होर्डिंग को नहीं हटाया जाएगा। इस सम्बन्ध में बुधवार को महापौर संयुक्ता भाटिया ने बैठक बुला कर इस बाबत आदेश दे दिए हैं।
हालाँकि महापौर का कहना है कि ये सभी लोग होर्डिंग पर इन्वेस्टर समिट का प्रचार निशुल्क करने को तैयार हैं जबकि सूचना विभाग इसके लिए भारी रकम खर्च कर रहा है। अधिक से अधिक प्रचार इन्वेस्टर समिट कार्यक्रम को सफल बनाने में कारगर साबित होगा। ख़ास बात ये भी है कि वेबसाइट पर लिस्टेड 488 होर्डिंग को ही ये अनुमति दी गई है।
बताते चलें कि अभी तक होर्डिंग लगाने की कोई भी अनुमति नहीं ली गई है। इस पूरे मामले को लेकर प्रचार एजेंसी हाई कोर्ट भी गए लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। इसके आलावा घरों की छत पर लगी होर्डिंग को अभी तक हटाया नहीं गया है। ये आदेश भी ठंडे बस्ते में ही हैं।