राज्य में गंगा नदी के किनारे स्थित गांव में जैविक खेती को बढ़ावा दिया गया है। सरकार के इस प्रयास से खेती में बदलाव तो आया ही है साथ में उनकी आमदनी भी पहले से काफी बढ़ गई है। जैविक खेती के बढ़ने से पर्यावरण में सुधार आने लगा है। कृषि लागत में कमी आने के साथ ही कृषि उत्पादन बढ़ा है। गौरतलब है कि सरकार की इस परियोजना से 11 जिलों के 21142 कृषकों ने 14000 हैक्टेयर क्षेत्र में 700 समूहों का गठन किया है। इन समूहों में शामिल कृषकों ने खरीफ 2020 और रबी 2020-21 में विभिन्न फसलों को जैविक विधि से उगाया। उनको प्रसंस्कृत करने के बाद उनकी पैकिंग की। इसके बाद उनको बढ़े मूल्यों पर विक्रय किया। इन उत्पादों को प्रदेश में लगने वाले मेलों, प्रदर्शिनियों, गोष्ठियों और बाजारों के स्टॉलों पर लगाया गया। कृषकों ने इस परियोजना से 2.76 करोड़ के जैविक उत्पादों का विक्रय किया है।
प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ाने के साथ किसानो के प्रोत्साहित करने में जुटी राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में कई बड़े काम किये हैं। इनता ही नहीं उनके हितों को सर्वोपरि रखते हुए प्रदेश के किसानों को लाभकारी फसलें उगाने का भी बड़ा मौका दिया। प्रदेश के किसानों को मिल रहे लाभ को देखते हुए सरकार इस परियोजना के दूसरे चरण को भी जल्द शुरू करने जा रही है। 03 वर्षों के लिये संचालित 71.40 करोड़ की योजना के पहले वर्ष में 21.05 करोड़ का व्यय किया गया है।
बीजेपी के ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017’ में जनता से वादा · प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक प्रमाणीकरण संस्था गठित की जाएगी · वर्मी कम्पोस्ट तथा गोबर गैस संयंत्रों के लिए विशेष अनुदान दिया जाएगा फूड प्रोसेसिंग
· उत्तर प्रदेश को फूड पार्क राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा। · प्रदेश के सभी 6 क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग पार्क स्थापित किये जाएंगे जहाँ पर पैकेजिंग, निर्यात और रिसर्च की सुविधा उपलब्ध होगी
· फूड प्रोसेसिंग पर आधारित लघु उद्योग लगाने के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा योगी सरकार ने साढ़े 04 साल के कार्यकाल में बुनियादी ढांचे को दी मजबूती · इस परियोजना से 11 जिलों के 21142 कृषकों ने 14000 हैक्टेयर क्षेत्र में 700 समूहों का गठन
· कृषकों ने इस परियोजना से 2.76 करोड़ के जैविक उत्पादों का विक्रय किया · 03 वर्षों के लिये संचालित 71.40 करोड़ की योजना के पहले वर्ष में 21.05 करोड़ का व्यय किया