अचानक पलायन की भारी भीड़ और गरीबों की मुसीबतों को देखते हुए हमारा सुझाव है कि भाजपा सरकार समाजवादी सरकार के समय भोजन के लिए वितरित किये गये ‘‘समाजवादी राहत पैकेट‘‘ को बांटने का निर्देश जिलाधिकारियों को जारी करें जिसके नियम भी बने हुए है, चाहे तो नाम बदल दें। सभी खड़ी ट्रेनों को अगले कुछ दिनों के लिए अस्थायी रैन बसेरों में तब्दील कर दें। जो पैदल दूरी तय कर रहे हैं ऐसे लोगों को इन्हीं में रोक कर इनके रहने खाने का इंतजाम किया जाए।
जो यात्री रास्ते में फंसे है उनको तत्काल घर पहुंचाने की व्यवस्था हो। समाजवादी पेंशन, मनरेगा, किसान सम्मान राशि के पंजीकृत खातों में तुरन्त पैसा जमा करायें। बैंक प्रतिनिधियों को सुरक्षा देकर घर-घर पैसा पहुंचाने की व्यवस्था हो। मोबाइल दुकानों से राशन का वितरण हो। गुजरात में ईंट-भट्ठे के मजदूर फंस गए हैं उन पर ध्यान दें।