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अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का हुआ उद्घाटन, राम मंन्दिर निर्माण को लेकर उठी यह मांग

locationलखनऊPublished: May 29, 2019 10:09:54 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

अयोध्या के राममंदिर निर्माण की याचिका पर सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट समय व्यर्थ करने की भूमिका अपना रही है।

Inauguration of akhil bhartiya hindu rashtra adhiveshan

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का हुआ उद्घाटन, राम मंन्दिर निर्माण को लेकर उठी यह मांग

लखनऊ. अयोध्या के राममंदिर निर्माण की याचिका पर सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट समय व्यर्थ करने की भूमिका अपना रही है। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगलेजी ने कहा कि ऐसे में हिन्दुओं की अपेक्षा यह थी कि भाजपा सरकार को पिछले कार्यकाल में ही राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाना था। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने राम मंदिर निर्माण कराने का आश्‍वासन दिया है। इसलिए अब जनता के विश्‍वास का सम्मान करते हुए भाजपा सरकार को राममंदिर निर्माण का आश्‍वासन पूरा करना चाहिए। इसके साथ ही कहा कि भाजपा सरकार ने इलाहाबाद का नामकरण ‘प्रयागराज’ किया तथा कुंभमेला का समुचित आयोजन किया। यह एक अच्छा कार्य है, परंतु राममंदिर का निर्माण न होने के कारण हिन्दुओं के मन में आश्‍वासन देकर विश्‍वासघात करने की भावना प्रबल हो सकती है।

7 दिवसीय अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की शुरूआत भागीरथी महाराज, स्वामी रामज्ञानीदासजी महाराज, बंगाल के सत्यानंद महापीठ के स्वामी आत्मस्वरूपानंदजी महाराज, सनातन संस्था के धर्म प्रसारक सद्गुरु नंदकुमार जाधव तथा सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगलेजी के करकमलों से दीपप्रज्वलन करके हुई। 29 मई से 4 जून की अवधि तक चलने वाले इस 7-दिवसीय अधिवेशन के प्रथम दिवस पर भारत और बांग्लादेश से अनेक हिन्दुत्व निष्ठ संगठनों के 240 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के अध्यक्ष अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि राममंदिर निर्माण का मुद्दा हिन्दुओं के स्वाभिमान का विषय है। भाजपा ने 2014 में राम मंदिर निर्माण का आश्‍वासन दिया था। आश्‍वासन देने के बाद भी अब भाजपा राम मंदिर निर्माण नहीं कराती है तो देश का हिन्दू समाज और देशव्यापी आंदोलन आरंभ करेगा।

इंडिया विथ विज्डम् ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कमलेशचंद्र त्रिपाठी ने कहा कि जनता को न्याय दिलाने के लिए संवैधानिक पद्धति से संघर्ष करनेवाले अधिवक्ताओं को ही बंदी बनाया जा रहा है। तो जनता को न्याय दिलाने के लिए कौन आगे आएगा? अधिवक्ता पुनालेकर की भांति कल अन्य अधिवक्ताओं को भी बंदी बनाया जाता है तो ऐसे में व्यवस्था में अराजकता बढ़ती जाएगी और उससे नागरिकों के संवैधानिक अधिकार संकट में पड़ जाएंगे। जिससे उनकी रक्षा करना और भी कठिन हो जाएगा।

नागरिक उत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता अवनीश राय ने चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के विरोध को लेकर कहा कि हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु समाज में आजकल सर्वत्र फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना बहुत ही आवश्यक है। आज की स्थिति में शांत बैठना भ्रष्टाचार का मूकदर्शक बनने जैसा है। इसलिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध संवैधानिक पद्धति से विरोध करना बहुत जरूरी है।

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