1 जून से एक अभियान चलाया था
भारतीय रेलवे लखनऊ के अधिकारियों ने बताया है कि भारतीय रेलवे द्वारा 1 जून से यह एक अभियान चलाया गया था। जिसमें रेल यात्रियों द्वारा ज्यादा सामान ले जाने पर 6 गुना जुर्माना का प्रावधान रखा गया था लेकिन ज्यादा सामान ले जाने के संबंध में रेल यात्रियों को जागरुक करना ही भारतीय रेलवे का मुख्य मकसद था। इसके साथ ही बताया है कि 6 गुना जुर्माना वसूलने के इस फैसले से सोशल मीडिया पर भी लोगों द्वारा यानी जनता द्वारा इसकी तीखी आलोचना की गई है।
जनता ने सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना जाहिर की
भारतीय रेलवे मुख्य उद्देश्य था कि इस अभियान के माध्यम से यात्रियों को जागरुक किया जा सके कि ज्यादा सामान ले जाने से और भी यात्रियों को परेशानी होती है। गर्मियों के दिनों में यात्रियों की भीड़ भाड़ भारतीय रेल में ज्यादा रहती है और कुछ यात्री ऐसे हैं जो सफर के दौरान ज्यादा से ज्यादा सामान ले जाते हैं। जिससे दूसरे यात्रियों को भी परेशानी होती है। भारतीय रेलवे ने यह फैसला ज्यादा सामान लेकर सफर करने की शिकायत के बाद लिया था। भारतीय रेलवे ने 1 जून से 6 तक इन नियमों को लागू करने के लिए एक अभियान छेड़ा था जिस पर जनता ने सोशल मीडिया के माध्यम से तीखी आलोचना जाहिर की है।
यात्रियों के लिए संदेश दिया
Indian Railway ने यात्रियों को सामान ले जाने पर जुर्माने के फैसले के विरोध के बाद यह फैसला वापस ले लिया है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे नए फैसले को वापस लेते हुए यात्रियों के लिए संदेश दिया है कि ऐसा केवल यात्रियों में जागरूकता लाने के लिए किया गया था कि ट्रेन में ज्यादा से ज्यादा सामान न ले जाएं। इससे दूसरे यात्रियों को भी परेशानी होती है। यात्रियों को केवल अपनी जरूरत का ही सामान ले जाना चाहिए।