नेपाल ने अपने नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिपिंयाधुरा जैसे क्षेत्रों को दिखाया है, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया है। नेपाल ने अपना नया नक्शा संसद की मंजूरी के साथ जारी भी कर दिया। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि चीन के बहकावे में आकर नेपाल भारत की खिलाफत कर रहा है जो सही नहीं है।
श्रावस्ती
श्रावस्ती जिले की 45 किलोमीटर सीमा नेपाल को टच करती है जो फिलहाल सील है। कोरोना संकट के दौरान ही जिले की सीमाएं सील कर दी गई थीं। बॉर्डर पर एसएसबी साथ यूपी पुलिस भी तैनात है। दोनों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा है।
श्रावस्ती जिले की 45 किलोमीटर सीमा नेपाल को टच करती है जो फिलहाल सील है। कोरोना संकट के दौरान ही जिले की सीमाएं सील कर दी गई थीं। बॉर्डर पर एसएसबी साथ यूपी पुलिस भी तैनात है। दोनों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा है।
बहराइच
बहराइच-नेपाल बॉर्डर के दोनों ओर पुलिस का कड़ा पहरा है। अपनी तरफ के नो मेंस लैंड में नेपाली पुलिस ने टेंट लगाकर चौकी बना ली है। बॉर्डर पर पुलिस का कड़ा पहरा है। सभी की आवाजाही बंद है और सीमाएं पूरी तरह से सील हैं।
बहराइच-नेपाल बॉर्डर के दोनों ओर पुलिस का कड़ा पहरा है। अपनी तरफ के नो मेंस लैंड में नेपाली पुलिस ने टेंट लगाकर चौकी बना ली है। बॉर्डर पर पुलिस का कड़ा पहरा है। सभी की आवाजाही बंद है और सीमाएं पूरी तरह से सील हैं।
लखीमपुर
लखीमपुर खीरी की करीब 63 किलोमीटर लंबी सीमा पूरी तरह से सील है। दोनों तरफ फोर्स तैनात है और सभी तरह की आवाजाही प्रतिबंधित है। एसएसबी के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हैं। पीलीभीत
पीलीभीत जिले की करीब 45 किलोमीटर सीमा नेपाल से जुड़ी है जो फिलवक्त पूरी तरह से सील है। बॉर्डर पर एसएसबी तैनात है। किसी भी तरह के मूवमेंट की इजाजत नहीं है।
लखीमपुर खीरी की करीब 63 किलोमीटर लंबी सीमा पूरी तरह से सील है। दोनों तरफ फोर्स तैनात है और सभी तरह की आवाजाही प्रतिबंधित है। एसएसबी के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हैं। पीलीभीत
पीलीभीत जिले की करीब 45 किलोमीटर सीमा नेपाल से जुड़ी है जो फिलवक्त पूरी तरह से सील है। बॉर्डर पर एसएसबी तैनात है। किसी भी तरह के मूवमेंट की इजाजत नहीं है।
बलरामपुर
बलरामुपर जिले का 50 से 60 किलोमीटर का एरिया नेपाल की सीमा को टच करता है। जिले से पड़ोसी देश में जाने के लिए कोई मेन रोड नहीं है। पगडंडियों के सहारे लोगों का आवागमन जारी है। आज भी नेपाल के कोयलाबॉस क्षेत्र के लोग जिले में सामान खरीदने आते हैं। इनके आने-जाने पर किसी तरह की रोक नहीं है।
बलरामुपर जिले का 50 से 60 किलोमीटर का एरिया नेपाल की सीमा को टच करता है। जिले से पड़ोसी देश में जाने के लिए कोई मेन रोड नहीं है। पगडंडियों के सहारे लोगों का आवागमन जारी है। आज भी नेपाल के कोयलाबॉस क्षेत्र के लोग जिले में सामान खरीदने आते हैं। इनके आने-जाने पर किसी तरह की रोक नहीं है।
महाराजगंज-सिद्धार्थनगर
गोरखपुर मंडल के दो जिले महाराजगंज और सिद्धार्थनगर की सीमा नेपाल बॉर्डर जुड़ी है। महाराजगंज का सोनौली और सिद्धार्थनगर का बढ़नी क्षेत्र की नेपाल से जुड़ी सीमाएं पूरी तरह से सील हैं। किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं है।
गोरखपुर मंडल के दो जिले महाराजगंज और सिद्धार्थनगर की सीमा नेपाल बॉर्डर जुड़ी है। महाराजगंज का सोनौली और सिद्धार्थनगर का बढ़नी क्षेत्र की नेपाल से जुड़ी सीमाएं पूरी तरह से सील हैं। किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं है।