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ये था मामलाबता दें कि मंगलवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे बख्शी तालाब कोतवाली के कोतवाल अमरनाथ वर्मा पुलिसकर्मियों के साथ बीकेटी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आरके सिंह तोमर के कार्यालय पहुंचे। उन्हें एक पर्ची देकर कर दो छात्रों का कक्षा 11 में प्रवेश करने का दबाव बनाया। कहा कि, जज साहब की सिफारिश है। प्रधानाचार्य ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि, क्षमता से अधिक बच्चों का दाखिला कॉलेज में हो चुका है। प्रवेश प्रक्रिया बंद हो चुकी है।
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अभद्रता करने लगे कोतवाल कोतवाल पर आरोप है कि प्रधानाचार्य के इतना कहते ही कोतवाल गुस्से से आग बबूला हो गए और उनके कार्यालय में ही उन्हें अपशब्द कहते हुए अभद्रता करने लगे। प्रधानाचार्य ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने शिक्षकों और छात्रों के सामने ही गालियां देकर उन्हें न सिर्फ अपमानित किया, बल्कि फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी देकर चले गए। प्रधानाचार्य ने डीएम, एसएसपी, डीआईओएस से मामले की शिकायत की।
कहा- कुछ गलतफहमियां हो गई थी मामला तूल पकड़ते ही अधिकारियों ने कोतवाल को फटकार लगाई। बुधवार सुबह प्रार्थना सभा के दौरान कोतवाल कॉलेज पहुंचे और सबके सामने मांगी माफी। बोले, कुछ गलतफहमियां हो गई थीं। ग्रह नक्षत्र खराब होता है तो ये सब चीजें होती हैं। मेरे पिता भी प्रिंसिपल थे, पत्नी टीचर है। मैं शाम को खुद आने वाला था, लेकिन इससे पहले ही तय हो गया कि प्रार्थना सभा में आना है तो चला आया। प्रधानाचार्य को राष्ट्रपति के राज्य शिक्षण पुरस्कार से वर्ष 2016 में सम्मानित किया जा चुका है।