तैयारियों जोरों पर प्रदेश में एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान और एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग चल रहा है। इस साल एसजीपीजीआई में प्रदेश का पहला है गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग भी शुरू हो गया है। इन विभागों की ओपीडी में हर दिन 8 से 1 हजार मरीज उपचार कराते हैं। सरकार अगले साल तक छह अन्य मेडिकल कॉलेजों में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग शुरू करने की तैयारी में है। इससे नए गैस्ट्रोलॉजिस्ट तैयार किए जा सकेंगे।
लिवर प्रत्यारोपण को बढ़ावा इसी तरह लीवर प्रत्यारोपण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। एसजीपीजीआई में एक मरीज में लिवर का प्रत्यारोपण हो चुका है। तीन मरीजों को भर्ती कर जांच की जा रही है। जल्द ही इन मरीजों में लिवर का प्रत्यारोपण होगा। एसजीपीजीआई हर माह एक मरीज का लिवर प्रत्यारोपण करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। केजीएमयू में 14 मरीजों का लीवर प्रत्यारोपण किया जा चुका है। उधर लोहिया संस्थान लीवर प्रत्यारोपण की तैयारी कर रहा है। निजी क्षेत्र में अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल दो किडनी प्रत्यारोपण कर चुका है। दो मरीजों को भर्ती किए गया हैं। मेदांता भी लिवर प्रत्यारोपण की तैयारी कर रहा है। लखनऊ में आए अन्य कारपोरेट अस्पताल भी लिवर प्रत्यारोपण की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
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हाईकोर्ट का फैसला, अब और ताकतवर हुईं मुस्लिम महिलाएं यहां प्रयास जारी जहां एक और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ लीवर प्रत्यारोपण व संबंधित बीमारियों से निजात दिलाने के लिए लगातार प्रयास करती हुई नजर आ रही हो वहीं दिल्ली, चंडीगढ़ में लीवर प्रत्यारोपण की बेहतर सुविधा उपलब्ध हैं। दिल्ली चंडीगढ़ के बाहर लीवर प्रत्यारोपण का सबसे बड़ा केंद्र लखनऊ होगा। जल्दी राजधानी लखनऊ के सभी मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी वर्क ट्रामा सेंटर शुरू करने की तैयारी है। जिसके बाद लीवर से संबंधित बीमारियों के मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।