आईपीएस ने डीजीपी पद पर चयन प्रक्रिया को दी चुनौती
वरिष्ठ आईपीएस व महानिदेशक (नागरिक सुरक्षा) जेएल त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की मौजूदा चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में इस याचिका पर शुक्रवार (24 जनवरी) को सुनवाई होगी। याचिका में जेएल त्रिपाठी ने कहा है कि उनसे जूनियर अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे गए हैं, जबकि उन्हें सूची से बाहर रखा गया है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। ग्रेडेशन सूची के अनुसार वह राज्य में तीसरे वरिष्ठतम अधिकारी हैं। यूपी के वर्तमान डीजीपी ओपी सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। नये डीजीपी के लिए सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को सात नामों की लिस्ट भेजी है, जिसमें से तीन नामों का चयन किया जाएगा। इस लिस्ट में 1986 बैच के अधिकारी जेएल त्रिपाठी का नाम नहीं है। 1986 बैच के आईपीएस जेएल त्रिपाठी का अभी आठ माह का कार्यकाल बचा है। पूर्व में वह कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। एक जनवरी 2017 को वह पुलिस महानिदेशक के पद पर प्रोन्नत हुए थे।
वरिष्ठ आईपीएस व महानिदेशक (नागरिक सुरक्षा) जेएल त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की मौजूदा चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में इस याचिका पर शुक्रवार (24 जनवरी) को सुनवाई होगी। याचिका में जेएल त्रिपाठी ने कहा है कि उनसे जूनियर अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे गए हैं, जबकि उन्हें सूची से बाहर रखा गया है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। ग्रेडेशन सूची के अनुसार वह राज्य में तीसरे वरिष्ठतम अधिकारी हैं। यूपी के वर्तमान डीजीपी ओपी सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। नये डीजीपी के लिए सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को सात नामों की लिस्ट भेजी है, जिसमें से तीन नामों का चयन किया जाएगा। इस लिस्ट में 1986 बैच के अधिकारी जेएल त्रिपाठी का नाम नहीं है। 1986 बैच के आईपीएस जेएल त्रिपाठी का अभी आठ माह का कार्यकाल बचा है। पूर्व में वह कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। एक जनवरी 2017 को वह पुलिस महानिदेशक के पद पर प्रोन्नत हुए थे।
पीसीएस एसोसिएशन में विद्रोह के हालात
उत्तर प्रदेश पीसीएस एसोसिएशन में विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है। 2000 बैच के पीसीएस अधिकारी समीर वर्मा के ऑडिटर पद से इस्तीफे के बाद पीसीएस एसोसिएशन के संयुक्त सचिव कपिल सिंह ने अध्यक्ष व सचिव से भी इस्तीफा मांगा है। कहा कि संवर्ग के अफसरों में बढ़ते रोष को देखते हुए अध्यक्ष व महासचिव को नैतिकता के आधार पर स्वत: इस्तीफा दे देना चाहिए। विद्रोह के हालातों को देखते हुए पीसीएस एसोसिएशन के महासचिव पवन गंगवार ने 26 जनवरी को डालीबाग कॉलोनी स्थित कार्यालय में एसोसिएशन की बैठक बुलाई है। संघ की निष्क्रियता का मुद्दा उठाते हुए 23 जनवरी को ऑडिटर समीर वर्मा ने एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी को अपना इस्तीफा भेज दिया। उन्होंने कहा कि पीसीएस काडर बुरे दौर से गुजर रहा है। पदाधिकारियों में आपसी संवाद भी ठीक नहीं है। कार्यकारिणी का सदस्य होने के नाते मुझे घुटन महसूस हो रही थी। गौरतलब है कि तीन मार्च 2019 को समीर वर्मा को ऑडिटर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
उत्तर प्रदेश पीसीएस एसोसिएशन में विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है। 2000 बैच के पीसीएस अधिकारी समीर वर्मा के ऑडिटर पद से इस्तीफे के बाद पीसीएस एसोसिएशन के संयुक्त सचिव कपिल सिंह ने अध्यक्ष व सचिव से भी इस्तीफा मांगा है। कहा कि संवर्ग के अफसरों में बढ़ते रोष को देखते हुए अध्यक्ष व महासचिव को नैतिकता के आधार पर स्वत: इस्तीफा दे देना चाहिए। विद्रोह के हालातों को देखते हुए पीसीएस एसोसिएशन के महासचिव पवन गंगवार ने 26 जनवरी को डालीबाग कॉलोनी स्थित कार्यालय में एसोसिएशन की बैठक बुलाई है। संघ की निष्क्रियता का मुद्दा उठाते हुए 23 जनवरी को ऑडिटर समीर वर्मा ने एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी को अपना इस्तीफा भेज दिया। उन्होंने कहा कि पीसीएस काडर बुरे दौर से गुजर रहा है। पदाधिकारियों में आपसी संवाद भी ठीक नहीं है। कार्यकारिणी का सदस्य होने के नाते मुझे घुटन महसूस हो रही थी। गौरतलब है कि तीन मार्च 2019 को समीर वर्मा को ऑडिटर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।