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आईपीएस-पीसीएस में अपनों के खिलाफ विरोध के सुर

locationलखनऊPublished: Jan 23, 2020 05:15:38 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

एक ने हक के लिए और दूसरे ने व्यवस्था के खिलाफ उठाई आवाज

IPS, PCS

उत्तर प्रदेश में आईपीएस और पीसीएस अफसरों ने अपनों के ही खिलाफ बगावती सुर तेज कर दिये हैं

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आईपीएस और पीसीएस अफसरों ने अपनों के ही खिलाफ बगावती सुर तेज कर दिये हैं। 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी जेएल त्रिपाठी ने जहां डीजीपी के चयन को लेकर सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है वहीं पीसीएस एसोसिएशन में ऑडिटर पद पर तैनात पीसीएस अफसर समीर वर्मा ने इस्तीफा दे दिया और कहा कि मुझे घुटन महसूस हो रही थी। उत्तर प्रदेश में पहला ऐसा मामला है जब किसी आइपीएस अधिकारी ने डीजीपी की तैनाती को लेकर सरकार के कामकाज के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है।
आईपीएस ने डीजीपी पद पर चयन प्रक्रिया को दी चुनौती
वरिष्ठ आईपीएस व महानिदेशक (नागरिक सुरक्षा) जेएल त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की मौजूदा चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में इस याचिका पर शुक्रवार (24 जनवरी) को सुनवाई होगी। याचिका में जेएल त्रिपाठी ने कहा है कि उनसे जूनियर अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे गए हैं, जबकि उन्हें सूची से बाहर रखा गया है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। ग्रेडेशन सूची के अनुसार वह राज्य में तीसरे वरिष्ठतम अधिकारी हैं। यूपी के वर्तमान डीजीपी ओपी सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। नये डीजीपी के लिए सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को सात नामों की लिस्ट भेजी है, जिसमें से तीन नामों का चयन किया जाएगा। इस लिस्ट में 1986 बैच के अधिकारी जेएल त्रिपाठी का नाम नहीं है। 1986 बैच के आईपीएस जेएल त्रिपाठी का अभी आठ माह का कार्यकाल बचा है। पूर्व में वह कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। एक जनवरी 2017 को वह पुलिस महानिदेशक के पद पर प्रोन्नत हुए थे।
पीसीएस एसोसिएशन में विद्रोह के हालात
उत्तर प्रदेश पीसीएस एसोसिएशन में विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है। 2000 बैच के पीसीएस अधिकारी समीर वर्मा के ऑडिटर पद से इस्तीफे के बाद पीसीएस एसोसिएशन के संयुक्त सचिव कपिल सिंह ने अध्यक्ष व सचिव से भी इस्तीफा मांगा है। कहा कि संवर्ग के अफसरों में बढ़ते रोष को देखते हुए अध्यक्ष व महासचिव को नैतिकता के आधार पर स्वत: इस्तीफा दे देना चाहिए। विद्रोह के हालातों को देखते हुए पीसीएस एसोसिएशन के महासचिव पवन गंगवार ने 26 जनवरी को डालीबाग कॉलोनी स्थित कार्यालय में एसोसिएशन की बैठक बुलाई है। संघ की निष्क्रियता का मुद्दा उठाते हुए 23 जनवरी को ऑडिटर समीर वर्मा ने एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी को अपना इस्तीफा भेज दिया। उन्होंने कहा कि पीसीएस काडर बुरे दौर से गुजर रहा है। पदाधिकारियों में आपसी संवाद भी ठीक नहीं है। कार्यकारिणी का सदस्य होने के नाते मुझे घुटन महसूस हो रही थी। गौरतलब है कि तीन मार्च 2019 को समीर वर्मा को ऑडिटर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
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