2 करोड़ से अधिक के टिकट हो चुके हैं जब्त पश्चिमी रेलवे के द्वारा अभी तक करीब 2.15 करोड़ रुपये से अधिक के ई-टिकटों और यात्रा-सह-आरक्षण टिकटों को जब्त किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार इस धांधली को रोकने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जो जगह- जगह पर इसकी जांच कर रहे हैं। सामने आए केसों में जानकारी हुई है कि कई ऐसे फर्जी एजेंट हैं जो इन टिकटों को फर्जी तरीके से बनाकर बेंच रहे हैं और लोगों से तत्काल यात्रा व अन्य सफर के लिए अधिक पैसा वसूल रहे हैं। इसमें कुछ अधिकृत आईआरसीटीसी एजेंट भी शामिल थे, जिन्होंने टिकट जारी करने के लिए फर्जी व अवैध चीजों का उपयोग किया।
एजेंट से टिकट कराते समय रहे सतर्क अगर कोई ऐसी टिकट पकड़ी जाती है तो, उस टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों का टिकट जब्त कर लिया जाता है और टिकट का पैसा भी नहीं दिया जाता है। जिसके बाद इस टिकट पर यात्रा नहीं किया जा सकेगा। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस कारण रेलवे की ओर से लोगों को एजेंट से टिकट बुक कराते समय सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
143 के तहत की जाती है कानूनी कार्रवाई रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार ऐसे लोगों पर धारा 143 के कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाती है। इन एंजेंटों पर केवल जुर्माना वसूला जाता है। इनपर आईपीसी की धारा नहीं लागू होती है। हालाकि यह जुर्माना अधिक लिया जाता है तो ताकि आने वाले समय में दोबारा यह काम न कर सकें।