script

आयुर्वेद के द्वारा आयरन की कमी को ठीक करना हैं आसान , पढ़िए पूरी खबर

locationलखनऊPublished: Jun 24, 2021 06:20:57 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

आयुर्वेदिक सप्लीमेंट रक्तदा के माध्यम से महिलाओं में आयरन की कमी और एनीमिया का प्रबंधन

आयुर्वेद के द्वारा आयरन की कमी को ठीक करना हैं आसान , पढ़िए पूरी खबर

आयुर्वेद के द्वारा आयरन की कमी को ठीक करना हैं आसान , पढ़िए पूरी खबर

लखनऊ ,स्वस्थ रहने के लिए बहुत सारी चीजों का संतुलन आवश्यक है। हालांकि सभी आवश्यकताओं को पूरा करना कुछ हद तक संभव नहीं है। कई कमियों में से जो सामान्यता और विशेषरूप से महिलाओं में स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती हैं, उनमें आयरन की कमी प्रमुख है। इसके अतिरिक्त,अलावा, आयुर्वेद, जीवन और दीर्घायु का विज्ञान होने के कारण, विशेषरूप से महिलाओं के लिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर में आयरन का पर्याप्त स्तर होने के महत्व को पहचानता है।
महर्षि आयुर्वेद अस्पताल के मेडिकल सुप्रिंटेंडेंट, डॉ. सौरभ शर्मा कहते हैं। महिलाएं उन लोगों में से हैं जो जीवंत और अत्यधिक सक्रिय जीवन जीती हैं। वो अपने जीवन में कई भूमिकाएं निभाती हैं, जिसके लिए केंद्रित और एकीकृत उर्जा की आवश्यकता होती है। हालांकि काम के अधिक बोझ और उचित आहार का सेवन न कर पाने के कारण, कभी-कभी, उनके शरीर में हर क्षेत्र में समान प्रदर्शन करने की क्षमता नहीं रहती है। और यह शायद आयरन की कमी के कारण होता है। दरअसल, आयरन की कमी से थकान, सिरदर्द, चक्कर आना, बल व त्वचा से संबंधित समस्याएं, घबराहट आदि समस्याएं हो सकती हैं। ये समस्याएं, अक्सर उन्हें निजी और पेशेवर जीवन में संतुलन बनाए रखने में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त/अलावा, आयरन की कमी एनीमिया का कारण बन सकती है।
उन्होंने आगे कहा यह देखा गया है कि काम की अधिकता के कारण, महिलाएं थकान, उर्जा की कमी, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, बार-बार सिरदर्द होना, त्वचा का पीला पड़ जाना, कमजोर व आसानी से टूटने वाले नाखून, बालों का झड़ना, सांस फूलना, अवसाद और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से पीड़ित होती हैं। ये समस्याएं आयरन की कमी के कारण हो सकती हैं, क्योंकि तीन में से एक व्यक्ति को आयरन की कमी होने का खतरा होता है। और आयरन की कमी को नियमित आहार से पूरा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि हमारा शरीर पादप स्त्रोत से मिलने वाले खाद्य पदार्थों से केवल 3 प्रतिशत और पशु स्त्रोत से 15 प्रतिशत आयरन ही ले पाता है। इसलिए आयरन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए हमारे शरीर, विशेषरूप से महिलाओं के शरीर को एक आयुर्वेदिक आयरन सप्लीमेंट की आवश्यकता होती है। जो उनमें आयरन की कमी और एनीमिया को ठीक करता है।
रक्त में ऑक्सीजन ले जाने वाले हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए आयरन आवश्यक है। जब हमारे मेटाबॉलिक सिस्टम/चपापचय तंत्र में पर्याप्त आयरन की कमी होती है, तो हमारे शरीर को आवश्यक उर्जा नहीं मिलती है। और यह आहार में पर्याप्त आयरन की कमी या जब शरीर स्वयं हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आयरन को अवशोषित करने में असमर्थ होता है, के कारण होती है। आयरन की कमी के लक्षणों को विकसित होने में कुछ समय लगता है, क्योंकि शरीर नई रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए संग्रहित और पुनर्नवीनीकरण आयरन का इस्तेमाल कर लेता है। और जब शरीर पर्याप्त मात्रा में आयरन प्रदान नहीं कर पाता है तो लाल रक्त कणिकाएं समाप्त होने लगती हैं, जिसे आयरन की कमी कहा जाता है।
महर्षि आयुर्वेद के निदेशक राम श्रीवास्तव कहते हैं। आयरन की कमी एक सामान्य रूप से होने वाली समस्या है, जो विशेष रूप से महिलाओं में होती है। यह एनीमिया के प्रमुख कारणों में से एक है। यह एक महत्वपूर्ण खनिज है जो शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) के उत्पादन में सहायता करता है, जिसमें मेटालोप्रोटीन होता है, जो रक्त के द्वारा कोशिकाओं तक ऑक्सीजन अणु और पोषण पहुंचाता है। आरबीसी की कम संख्या का अर्थ है, कोशिकाओं को पोषण और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होना, इससे उतक नष्ट और शरीर के अंग कमजोर पड़ने लगते हैं। आयरन के हर्बल सप्लीमेंट्स, शरीर में आरबीसी की संख्या बढ़ाकर शरीर के अंगों को पुनर्जीवित करते हैं तथा थकान, सुस्ती, सांस फूलना और तनाव जैसी समस्याओं को प्रभावी ढंग से ठीक करते हैं। इसके अतिरिक्त,अलावा, यह कोविड संक्रमित रोगियों के लिए भी उपयोगी हो सकता है। दर्द और मांसपेशियों की अकड़न के पश्चात जिनके रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो गया हो।
आमतौर पर होने वाली आयरन की कमी को नियंत्रित करने के लिए, रक्तदा, आयुर्वेदिक आयरन सप्लीमेंट्स में से एक है, जो उर्जा प्रदान करता है, थकान कम करता है, बालों व त्वचा को पोषण प्रदान करता है और प्रतिरक्षा का निर्माण करता है। महर्षि आयुर्वेद का यह उत्पाद एनीमिया के इष्टतम प्रबंधन के लिए एक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट है। यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने और स्वाभाविक रूप से उर्जा के स्तर में सुधार करने पर केंद्रित करता है, जिससे रक्त में आयरन की शक्ति बढ़ाने में सहायता मिलती है। यह बिना किसी दुष्प्रभाव के प्राकृतिक रूप से आयरन को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को बढ़ाता है और रक्तजैव रसायन को पुनर्स्थापित करता है।
रक्तदा की मुख्य विशेषताएं

• इसमें सूक्ष्म कणों और आवश्यक जड़ी-बूटियों में लौह भस्म, कैल्शियम और विटामिन सी होता है।
• यह दैनिक आहार से अधिक आयरन निकालने के लिए शरीर की सहज बुद्धि के साथ काम करता है।
• यह बिना किसी साइड इफेक्ट्स के खाद्य पदार्थों से अधिकतम आयरन अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को मजबूत करता है।
• यह शरीर को उर्जावान और जीवनशक्ति से भरा हुआ रखता है।
• इसका नियमित इस्तेमाल आयरन और कैल्शियम की कमी के प्रबंधन में सहायता कर सकता है।

महर्षि आयुर्वेद का रक्तदा एक ऐसा घोल है, जो हीमोग्लोबिन के संरक्षण और प्रकृतिक रूप से उर्जा के स्तर में सुधार पर केंद्रित है। यह रक्त को आयरन की शक्ति प्रदान करने में सहायता करता है। यह महिलाओं के लिए विशेषरूप से उपयोगी है क्योंकि उन्हें स्वस्थ्य रहने के लिए अधिक विटीमिनों और मिनरल्स/खनिजों की आवश्यकता होती है। और संतुलित आहार की कमी के कारण महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में आयरन नहीं मिलता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। लेकिन यह सप्लीमेंट उनके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक आयरन की कमी को पूरा करता है।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x827h9f

ट्रेंडिंग वीडियो