लखनऊ रेलवे स्लीपर क्लास बोगियों को आइसोलेशन वार्ड के रूप में तैयार कर रहा है। उत्तर प्रदेश में यह काम लखनऊ के आलमबाग का कैरिज व वैगन वर्कशॉप कर रहा है। पहले लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) वाली बोगियों को ही आइसोलेशन के लिए तैयार किया जा रहा था। रेलवे ने बाद में पुरानी बोगियों (आइसीएफ) से ही केवल आइसोलेशन अस्तपाल बनाने के आदेश दिए हैं। एक अस्पताल रैक में 10 बोगियां होंगी। हर बोगी में 10 आइसोलेशन वार्ड होंगे। बोगी में चिकित्सा उपकरणों के लिए प्रत्येक डिब्बे में 220 वोल्ट के स्वीच लगाये गए है। मध्य और किनारे की सीट हटा दी गई है।
दस बोगियों का होगा एक आइसोलेशन अस्तपाल
यह प्रोजेक्ट उत्तर रेलवे लखनऊ के एडीआरएम ऑपरेशन अमित श्रीवास्तव की निगरानी में हो रहा है। एडीआरएम ने बताया कि अगले 10 दिनों में 203 और बोगियों को आइसोलेशन के लिए तैयार करने का लक्ष्य है। दस बोगियों का एक आइसोलेशन अस्तपाल होगा। जिसके साथ दो एसएलआर बोगियां होंगी। जिनमें मरीजों के लिए दवाएं, उपकरण और कपड़ों के अलावा बेडरोल होगा। इसके साथ ही मरीजों के लिए कई अन्य सुविधाएं भी होंगी।
जानें अधिकारियों का क्या है कहना
डीआरएम लखनऊ संजय त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए 23 बोगियों का रैक आ गया है। इससे दो अस्तपाल तैयार होंगे। जल्द ही 203 बोगियों को भी आइसोलेशन के लिए तैयार किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की डिमांड के तहत इनको उन जगहों पर भेजा जाएगा। सभी रेलवे कोच आइसोलेशन वाले अस्तपालों को किसी सरकार के निर्देश पर अस्पताल से लिंक किया जाएगा। जिससे उनके डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती हो सकेगी और कोरोना वायरस पीडि़तों को बोगियों तक लाकर उनका उपचार हो सकेगा।