डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि 24 घंटे मॉनीटरिंग सिस्टम बनाया गया है। रेलवे बोर्ड लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग से लखनऊ की तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। क्वारंटाइन के लिए भी चारबाग के क्षेत्रीय कार्यशाला को तैयार किया गया है। इससे कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच के बाद उन्हें वहां क्वारंटाइन करने में आसानी होगी।
रेल कारखाना में तैयार आइसोलेशन वार्ड पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय स्थित गोरखपुर में यांत्रिक कारखाना में 20 कोच को आइसोलेशन वार्ड के रूप में तैयार किया गया है। यांत्रिक कारखाना में स्लीपर श्रेणी के 20 कोच को आइसोलेशन वार्ड के रूप में बदला गया है, जबकि हर एक कोच में 10-10 बेड बनाए गए हैं। हाईजीन का ध्यान रखते हुए कोच के दोनो तरफ मरीजों और अनय लोगों के लिए अलग शौचालय बनाए गए हैं। चिकित्सीय टीम के लिए एक छोटा सा केबिन तैयार किया गया है।
24 घंटे बिजली पानी की सप्लाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी कोरोना के बढ़ते दायरे को रोकने के लिए रेल प्रशासन ने कमर कस ली है। इस क्रम में वाराणसी के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन पर 32 कोचों का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। मेडिकल इमरजेंसी में तत्काल बेड उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेलवे पर अलग-अलग मंडलों की ओर से कुल 5000 कोचों को परिवर्तित करने का लक्ष्य है। इन परिवर्तित कोचों में 24 घंटे सातों दिन बिजली और पानी की सप्लाई मिलेगी।
बरेली के रेलवे वर्कशॉप में आइसोलेट कोच रेलवे में मेडिकल सुविधाओं को देने का दायरा बढ़ाने के क्रम में बरेली में 57 बेड वाले आइसोलेटे कोच बनाने की तैयारी है। इन्हें प्लैटफॉर्म और पानी की टंकी वाली जगह पर रखा जाएगा। एक कोच में आठ मरीज आइसोलेट होंगे। डॉक्टर और स्टाफ के लिए अलग-अलग केबिन बनाए जाने हैं। मक्खी और मच्छर से बचाव के लिए दरवाजे और खिड़कियों में जाली लगाी जाएगी। आइसोलेटेड कोचों को प्लेटफार्म के अतिरिक्त ऐसी जगह रखा जाएगा, जहां बिजली और पानी की समुचित व्यवस्था हो।
रेलवे आइसोलेशन कोच में मरीजों के लिए सुविधा रेल कोचों में बनाे गए कोरोना से संक्रमित मरीजों का सिर्फ इलाज ही नहीं होगा बल्कि उन्हें कुछ सुविधाएं भी दी जाएंगी। रेल कोच में डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ व स्वास्थ्य उपकरण लगाने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं होंगी। मरीजों के लिए दवाइयां और भोजन की भी व्यवस्था है। इसके साथ ही कोचों में तैनात डॉक्टर व अन्य कर्मचारी अस्पताल में मौजूद सीधे विशेषज्ञों से संपर्क भी कर सकेंगे।