स्वास्थ्य कर्मियों को खिलाई जाएगी टैबलेट कोरोना के बिना लक्षण वाले व हल्के लक्षण वाले रोगियों को भर्ती होते ही प्रथम तीन दिन तक रात में भोजन के दो घंटे के बाद आइवरमेक्टिन टैबलेट दी जाएगी। यही नहीं इसके साथ डाक्सीसाइक्लीन औषधि दिन में दो बार पांच दिनों तक दी जाएगी। वहीं कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के संपर्क में आए व्यक्तियों को रोग के संभावित संक्रमण से बचाव के लिए व्यक्ति को पहले व सातवें दिन रात्रि के भोजन के दो घंटे के बाद आइवरमेक्टिन टैबलेट खिलाई जाएगी। यह दवा स्वास्थ्य कर्मियों को भी खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य कर्मियों को पहले, सातवें व 30 वें दिन और हर महीने में एक बार आइवरमेक्टिन दवा दी जाएगी।
आइवरमेक्टिन की खोज 1970 में आइवरमेक्टिन की खोज 1970 में हुई थी। इस दवा के कई फायदे हैं। कमोबेश यह दवा रिवर ब्लाइंडनेस, एस्कारिया सिस, फाइले रिया, इंफ्लूएंजा, डेंगू में उपयोग किया जाता है। वहीं, दवा कोरोना वायरस का असर कम करने में भी समर्थ है। आइवरमेक्टिन दवा कोशिका से वायरस को न्यूक्लियस में पहुंचने से रोक देती है। ऐसे में वायरस मरीज के डीएनए से मिलकर मल्टी फिकेशन नहीं कर पाता है। लिहाजा, इस सस्ती दवा के जरिए कई मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है।