बाद में मुनि श्री ने प्रवचन में कहा कि मनुष्य का सच्चा मित्र उनका गुरु होता है। गुरु की महिमा का बखान करते हुये मुनिश्री ने कहा कि अगर कोई रास्ता भटक भी जाए तो गुरु ही धर्म के रास्ते पर लाकर इंसान को सच्ची मित्रता का परिचय देते हैं। महाराज जी ने कहा कि आज के युग में सच्चा मित्र मिलना दुर्लभ होता है।
संयोजक संजीव जैन ने बताया कि 16 जुलाई तक मुनिश्री के सानिध्य में विधान सुबह 6 से 10 बजे तक चलेगा। जिसमें ज्ञान की वर्षा होगी। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को चातुर्मास स्थापना होगी। इस मौके पर आनन्द जैन, रितेश जैन, विकास जैन, पीयूष जैन, शोभा जैन, माया जैन, अर्पणा जैन मौजूद रहे।