सामने गाय चर रही थीं। कुछ ग्वाल-बाल जब यमुना का पानी पीने बैठे तो एक भयानक पक्षी को देखकर चिल्ला उठे। वह पक्षी था तो बगुले के आकार का, किंतु उसका मुख और चोंच बहुत बड़ी थी। ग्वाल-बालों की आवाज सुनकर कृष्ण और बलराम उस ओर दौड़ पड़े, जहां से आवाज आ रही थी। कृष्ण व बलराम ने यमुना के किनारे पहुंचकर उस भयानक पक्षी को देखा। वह अपनी लंबी चोंच और विकराल आंखों को लिए गुड़मुड़ाकर पानी में बैठा था। कृष्ण उस पक्षी को देखते ही पहचान गए कि यह वक नहीं, कोई दैत्य है। कान्हा को मारने के लिए जैसे ही बगुला उड़ा तभी कृष्ण व बलराम उछलकर उड़ते हुए बगुला दैत्य पर चढ़ गए। उस उड़ते बगुला पर सवार होकर कृष्ण व बलराम ने दैत्य बगुला की गर्दन पकड़कर जोर से मरोड़ दी जिससे आंखें बाहर निकल आई। कृष्ण व बलराम ने दैत्य बगुला का मर्दन कर दिया। संयोजक अनुपम मित्तल ने बताया कि सैनिक वेशभूषा और नीले अश्व के साथ सेल्फी लेने का मौका श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण केन्द्र बना हुआ है।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव एवं डिजिटल मूविंग झांकियों के लिए न्यू गणेशगंज मार्ग पर पूरी वृदांवन नगरी ही बसाई गई। यहां पर घूमती-फिरती झांकियों की मूर्तियों डिजिटल मूविंग एवं न्यू गणेशगंज मार्ग व 50 फुट ऊंचा चार धाम द्वार को कलकतिया एलईडी पैनलों की लाइटों से जगमगा रही है। इसके साथ ही पालने में राधा कृष्ण को झुलाने का अवसर भक्तों को आनंद विभोर कर रहा है। क्षीर सागर में शेषनाग पर लेटे हुए भगवान विष्णु व लक्ष्मी को दर्शाया गया। इसके अलावा 20 फुट ऊंचा शिवलिंग पर दूधिया जल से अभिषेक, अगस्त्य मुनि के मुंह से जल अवतरण, भगवान राम, लक्ष्मण, सीता संग प्रभुश्रीराम को प्रणाम करते हुए भक्त हनुमान होना पूरे राम दरबार का दृश्य, हनुमानजी के हदय से सियाराम के दर्शन की डिजिटल मूविंग झांकियां एवं कलकतियां एलईडी पैनलों की सजावट सभी श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच रही थी। साथ ही धारा 370 हटाये जाने की खुशी में कश्मीर की पहाड़ियों के बीच लहराते तिरंगा और आग उगलते ड्रेगन का सेल्फी कार्नर बनाया गया। बंदर के संग करतब दिखाता मदारी भी बच्चों को रोमांचित कर रहा था। 27 अगस्त मंगलवार को श्रीकृष्ण का मनिहारी रूप की झांकी प्रदर्शित की जाएगी।