घाट दिखे सूने- अयोध्या में सरयू तट पर भी सन्नाटा पसरा रहा। अयोध्या से गोंडा मार्ग पर ओवर ब्रिज पर ही बैरियर लगाकर लोगों को रोक दिया गया और अयोध्या की सीमा आने में प्रवेश करने वाले लोगों को पहचान पत्र देखकर ही प्रवेश दिया गया है। अयोध्या राम में पैड़ी पर स्थित श्री सीताराम संकीर्तन भवन मंदिर में आरती के समय संतों ने भगवान का पूजन किया। 15 साल से जारी रामलीला का मंचन भी बंद कर दिया गया है। वाराणसी घाटों में सन्नाटा है मगर गलियाें में लोगों की चुहलबाजी का कहीं कहीं दौर जारी है। गलियाें में जहां दुकानें खुली हैं वहां पर लोगाें की आवाजाही का क्रम बरकरार है। चर्चा एकमात्र है कि कोरोना को कैसे दूर रखा जाए, हालांकि दोचार लोग होते ही आपस में दूर हटने की जिम्मेदारी भी नजर आ रही है।
मंदिरों में दर्शनार्थी नहीं- कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू लगाने की गयी अपील का असर कान्हा की नगरी मथुरा और वृंदावन में भी देखने को मिल रहा है। शहर के प्रमुख बाजार पूरी तरह से बंद हैं। मंदिरों के पट बंद और शहर में सन्नाटा पसरा है। मेरठ के मंदिरों में भी असर दिखाई दिया। जिन मंदिरों में सुबह पांच बजे से ही घंटों और घडियालों की आवाजें गूंजनी शुरू होती हैं। शंखों की ध्वनि वातावरण को भक्तिमय बनाती है उन मंदिरों में सुबह से ही खामोशी छाई रही। लखनऊ के मंदिरों में जाने से भी क्षद्धालुओं ने परहेज किया। मंदिर परिसर में इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। लेकिन भक्त घरों में ही भगवान का ध्यान करते रहे।
सीएए विरोध फिर भी जारी- सभी जगह जनता कर्फ्यू को जबरदस्त समर्थन मिला। पर लखनऊ का शाहीन बाग हो, या मुरादाबाद हो या देवबंद हो यहां प्रदर्शनकारी अपनी ही राग आलाप रहे हैं। उन्हें इस बात का कोई फर्क नहीं कि देश किस संकट से गुजर रहा है। लखनऊ के घंटाघर में रविवार 22 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। शासन, प्रशासन और पुलिस की अपील का महिलाओं पर कोई फरक नहीं पड़ रहा है, वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
घंटी, शंख, तालियों से गूंज उठी यूपी, देखें कोने-कोने से आई गजब तस्वीरें
कोरोना से लड़ने वालों को धन्यवाद देने के लिए शाम पांच बजे का समय निर्धारित था। ऐसे में जैसे ही घड़ी की सुई पांच पर पहुंची, लोगों ने घरों की बॉलकनी, गेट, छतो, गलियों में एक साथ घंटी, शंख, तालियों व जो भी मुमकिन जरिया हो उसे बजाकर एकता की मिसाल पेश की। आजमगढ़, बागपत, बिजनौर, चंदौली, फर्रुखाबाद, कौशाम्बी, नवाबों की नगरी लखनऊ, श्रीकृष्ण नगरी मथुरा, श्रावस्ती उन्नाव समेत कई जिलों से गजब के तस्वीरें आई। इनमें बच्चें, बुजुर्ग, युवा, महिलाओं सभी ने मिलकर कोरोना से मुकाबला करने के लिए एकजुटता का प्रमाण दिया। निम्न देखें वीडियो-
कोरोना से लड़ने वालों को धन्यवाद देने के लिए शाम पांच बजे का समय निर्धारित था। ऐसे में जैसे ही घड़ी की सुई पांच पर पहुंची, लोगों ने घरों की बॉलकनी, गेट, छतो, गलियों में एक साथ घंटी, शंख, तालियों व जो भी मुमकिन जरिया हो उसे बजाकर एकता की मिसाल पेश की। आजमगढ़, बागपत, बिजनौर, चंदौली, फर्रुखाबाद, कौशाम्बी, नवाबों की नगरी लखनऊ, श्रीकृष्ण नगरी मथुरा, श्रावस्ती उन्नाव समेत कई जिलों से गजब के तस्वीरें आई। इनमें बच्चें, बुजुर्ग, युवा, महिलाओं सभी ने मिलकर कोरोना से मुकाबला करने के लिए एकजुटता का प्रमाण दिया। निम्न देखें वीडियो-