एक साथ लाभ के दो पदों पर रहने का आरोप रामपुर से सांसद का चुनाव जीते आजम खान के चुनाव को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका में कहा गया है कि वह जौहर विश्विद्यालय के कुलपति हैं। इस आधार पर यह लाभ के दो पदों पर कैसे रह सकते हैं। अमर सिंह ने भी आजम खान पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा था कि वह जौहर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में लाभ के पद पर हैं। इस पद पर रहते हुए वह पहले विधायक और अब सांसद बन गए हैं, जो नियमों के विपरीत है। इसको लेकर उन्हें काेर्ट का एक नोटिस भी जारी हो चुका है। उन्होंने कहा कि आजम खां की सदस्यता को रद्द करते हुए और चुनावी खर्च से बचते हुए दोबारा चुनाव न कराकर 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रही जयाप्रदा को सांसद बनाने की मांग की जाएगी। साथ ही सपा सरकार में जौहर विश्वविद्यालय के नाम पर जमा की गई अकूत संपत्ति की भी जांच करने की मांग की जाएगी।
आजम खान ने धोखे में रखा आपको बता दें कि फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा भी आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं, लेकिन वह हार गईं। सपा नेता रह चुके अमर सिंह (जो वकील भी हैं) भी अधिवक्ता अशोक पांडे के साथ वकील के रूप में इस केस में हैं। जया प्रदा ने कहा था कि आजम खान ने 2 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन दाखिल किया था। उस समय आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी के कुलापति थे यानी लाभ के पद पर थे। यह अनुच्छेद 102(1) ए और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन (section) 9(ए) के अलावा संविधान के अनुच्छेद 191(1)ए का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि आजम खान ने रामपुर की जनता और चुनाव आयोग को धोखे में रखा है। इस दौरान उन्होंने 2006 में सोनिया गांधी और जया बच्चन की सदस्यता खत्म होने का भी हवाला दिया था।