मौलाना के तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि जिस आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है वह सभी जमानती हैं। लिहाजा उसके मुवक्किल को जमानत पर रिहा किया जाए। जिसके बाद प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें एवं निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहाई के आदेश दिए।
हत्यारोपियों की मदद का आरोप
आरोपी मौलाना कैफी अली रिजवी पर आरोप है कि उसने 18 अक्टूबर 2019 को कमलेश तिवारी की हत्या किए जाने के बाद हत्यारोपी अशफाक और मोईनुद्दीन को घर में शरण दी थी। इतना ही नहीं उसने आरोपियों को आर्थिक मदद के साथ इलाज भी कराया था। मामले की जांच कर रही एसआइटी ने साक्ष्य के आधार पर मौलाना को 22 अक्टूबर को बरेली से गिरफ्तार किया था। मामले में साजिशकर्ता सहित आधा दर्जन आरोपित जेल में है।