सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिदिन सायं 6 बजे से रात 12 बजे तक चलेगा और साथ में विभिन्न तरह के थ्रीडी सेल्फी प्वाइंट होड़ रहेगी। चीर हरण का प्रसंग व जादूगर ए.के. चौबे द्वारा जादू का प्रदर्शन व बच्चों की नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । नाका चौराहा व झांकी आयोजन स्थल को मार्डन एलईडी लाइट पैटर्न से सुसज्जित किया गया। अघासुर वध की झांकी में अघासुर एक दैत्य था वेश बदलने में दक्ष ही नहीं मायावी भी था।
कंस ने कृष्ण को मारने के लिए अघासुर को भेजा। एक दिन चारागाह में गायों व ग्वाल-बालों में कोई भी नहीं दिखा तो कान्हा घबरा गये तब वे पुकार-पुकार उन सभी को खोजने लगे। उन्होंने आगे जाकर देखा कि एक भयानक अजगर जोर-जोरे से सांसे ले रहा था। वह अजगर नहीं अपितु अजगर रूप में कंस द्वारा भेजा गया दैत्य अघासुर था। उसी ने अपनी सांसों द्वारा ग्वाल-बालों को अपने पेट के अंदर खींच लिया था। उसने सोचा था कि कृष्ण को भी अपनी सांसों द्वारा अपने पेट के अंदर खीच लेगा।
उसे क्या पता था कि जो कृष्ण सारे ब्रह्माण्ड को अपनी ओर खींच लेते हैं, उन्हें कौन खींच सकता है? अजगर के रूप में पड़े हुए अघासुर को कृष्ण देखते ही पहचान गए कि इसी ने गायों व ग्वाल-बालों को अपने पेट में खींच है। कृष्ण अपने आप ही अजगर के मुख में गये। उन्होंने दोनों हाथों से अजगर का पेट फाड़ कर उसका वध कर दिया, सभी गायों व ग्वाल-बाल सकुशल बाहर निकल आए। वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक संध्या लाइव परफॉमेंस के अंतर्गत जवाबी कीर्तन में स्वर सरगम संकीर्तन मंडल लखनऊ के उमाशंकर दीक्षित चंचल और ओम शिवशक्ति संकीर्तन मंडल के श्याम शरारती के बीच जवाबी कीर्तन की जंग छिड़ी जिसमें भक्तिमय गीतों, भजनां से एक-दूसरे पर जवाबी वार किया गया,
सभी श्रोतागण जवाबी वार-प्रतिवार से आनंदित हुए, जिससे न्यू गणेशगंज का माहौल भक्तिमय हो गया और सभी को थिरकने पर मजबूर होना पड़ा। अन्य झांकियों में मयूर झूला झूलते राधा कृष्ण, अमरनाथ में तांडव करते शिव, हनुमानजी ने सीना चीरकर राम सीता की छवि दिखाने, तुलसीदासजी द्वारा रामायण पाठ करते, बंदर संग मादारी, सपेरा, भालू का नाच दिखाया गया। आयोजन स्थल पर थ्रीडी सेल्फी प्वाइंटों में 20 फीट ऊंचा शिवलिंग, आग उगलते डायनासोर, शेर के भी थ्रीडी सेल्फी प्वाइंट पहली बार बनाये गये।
इसके साथ ही विशाल झरना और पहाड़ों में माता का भव्य दरबार, राम भक्त हनुमान और महादेव भी दिखेगें।