लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हो गया था। इसके बाद से घरवाले लगाता जिला प्रशासन और योगी सरकार से गुहार लगाते रहे। मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस ने तेज कार्रवाई की। जिसके बाद पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए। उनके बताने पर कि संजीत यादव का कत्ल कर उसका शव पांडु नदी में फेंका दिया था। करीब एक सप्ताह गुजर गए हैं पर अभी तक संजीत का शव यूपी पुलिस को न मिल सका है।
इस प्रकरण में यूपी पुलिस के अफसरों पर अंगुलियां उठ रहीं है। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि कानपुर पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए भी दिलवा दिए फिर भी संजीत को छुड़ा नहीं सके। इससे नाराज सीएम योगी ने चार पुलिस अफसरों को निलम्बित कर दिया। इसके बाद कानपुर एसपी सीएम योगी की कार्रवाई के जद में आ गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की बहन रूचि की मांग को स्वीकार करते हुए कि कानपुर बर्रा अपहरण कांड व हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है।