scriptकेशव मौर्य ने सीएम योगी को लिखा पत्र, एलडीए में हुए घोटालों की भेजी सूची, अधिकारियों से जवाब तलब | Keshav Maurya sent CM Yogi Adityanath a list of scams in LDA | Patrika News

केशव मौर्य ने सीएम योगी को लिखा पत्र, एलडीए में हुए घोटालों की भेजी सूची, अधिकारियों से जवाब तलब

locationलखनऊPublished: Nov 14, 2019 03:31:34 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

एलडीए में हुए घोटाले को लेकर लोक निर्माण मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी पत्र लिखकर जांच करने का अनुरोध किया है और एलडीए में हुए घोटालों की सूची भी भेजी है।

केशव मौर्य ने सीएम योगी को लिखा पत्र, एलडीए में हुए घोटालों की भेजी सूची, अधिकारियों से जवाब तलब

केशव मौर्य ने सीएम योगी को लिखा पत्र, एलडीए में हुए घोटालों की भेजी सूची, अधिकारियों से जवाब तलब

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला और होमगार्ड की फर्जी हाजिरी में हुए फर्जीवाड़े के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में भी बड़ा घोटाला सामने आया है। एलडीए में हुए घोटाले को लेकर लोक निर्माण मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी पत्र लिखकर जांच करने का अनुरोध किया है और एलडीए में हुए घोटालों की सूची भी भेजी है। इनमें कामर्शियल प्लॉटों के आवंटन से लेकर शान-ए-अवध को बेचे जाने, अपार्टमेंट के निर्माण में घपले, समायोजन में फर्जीवाड़े, पुरानी योजनाओं की गायब हुई फाइलें और रोहतास को फायदा पहुंचाए जाने जैसे कई मामले शामिल हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष सचिव अमित सिंह की तरफ से आवास विभाग के प्रमुख सचिव को एलडीए में घोटाले के संबंध में 31 अगस्त को पत्र भेजा गया था। प्रमुख सचिव ने 7 नवंबर को कमिश्नर कार्यालय पत्र भेजकर सभी मामलों की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। इसके बाद कमिश्नर कार्यालय की तरफ से 8 नवंबर को एलडीए उपाध्यक्ष से रिपोर्ट मांग ली गई। उप मुख्यमंत्री की तरफ से जिन घोटालों की सूची भेजी गई थी, उससे जुड़े सभी अधिकारियों से जवाब-तलब किया गया है।

एलडीए के अधिकारियों ने 9 दिन पहले बनी कंपनी को भी प्लॉट आवंटित कर दिए, लेकिन नियम के अनुसार एलडीए के कमर्शियल प्लॉटों की नीलामी में केवल तीन साल पुरानी कंपनियों को ही शामिल करने का प्रावधान है। इसके वाबजूद भी ई नीलामी में महज नौ दिन पहले बनी कंपनियों को कैसे शामिल कर लिया गया? इससे साफ पता चलता है कि एलडीए द्वारा पारिजात, पंचशील, स्मृति, सृष्टि और सहज अपार्टमेंट बनाने में धांधली करने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया, बल्कि बचा हआ काम दूसरी कंपनियों से करवा लिया गया।

सरकार की पुरानी योजनाओं में एलडीए ने चहेतों को सबसे पहले 40 वर्गमीटर के प्लॉट आवंटित किए और बाद में उसकी जगह उन्हें गोमतीनगर विस्तार जैसी पॉश कॉलोनियों में 150 वर्गमीटर के प्लॉट दे दिए गए। टीपी नगर, गोमतीनगर और जानकीपुरम समेत कई योजनाओं में सैकड़ों आवंटियों की फाइलें ही गायब हो गई हैं। यहां तक कि रजिस्टर में भी कोई ब्योरा दर्ज नहीं किया गया है और न ही कोई कोई रिकार्ड रखा गया है।

पीएफ घोटाले को लेकर गिरफ्तारी के निर्देश

एलडीए घोटाले के सामने आने से पहले भी योगी सरकार के ऊर्जा विभाग में कर्मचारियों के पीएफ में घोटाले की बात सामने आ चुकी है। यूपी पावर कारपोरेशन के एक लाख से अधिक कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) और अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) के 2267.90 करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में फंस गए हैं। कर्मचारियों और विपक्षी नेताओं ने यह मुद्दा उठाया तो सरकार ने शनिवार को कई कार्रवाइयां कीं। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पूर्व सचिव पीके गुप्ता के बेटे अभिनव को भी ईओडब्ल्यू ने अपनी हिरासत में ले लिया था। इनकी डीएचएफएल में निवेश कराने में ब्रोकर की भूमिका निभाने की बात सामने आई है।

होमगोर्डों ड्यूटी में भी फर्जीवाड़ा

यूपीपीसीएल घोटाले के बाद यूपी में होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर उनका वेतन हड़पने का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस फर्जीवाड़े से सरकार भी काफी सख्त हो गई है। होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान का कहना है कि पूरे प्रदेश में होमगार्ड के वेतन का ऑडिट करवाया जाएगा और फर्जीवाड़े की जांच डीआईजी होमगार्ड करेंगे, हालांकि यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह जांच होने के बाद प्रदेश में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आ सकता है।

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