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केशव प्रसाद मौर्या ने की 50 करोड़ से अधिक लागत के कार्यों की समीक्षा, किया बड़ा ऐलान

locationलखनऊPublished: Jul 03, 2018 05:29:16 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

लोक निर्माण विभाग की सड़कों का निरीक्षण अभियान जारी, उपमुख्यमंत्री ने की रू0 50 करोड़ से अधिक लागत के कार्यों की समीक्षा.

लखनऊ. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने योजना भवन स्थित कान्फ्रेस हाल से प्रदेश के सभी मुख्य अभियन्ताओं के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने लोक निर्माण विभाग के कार्यों में पारदर्शिता एवं शुचिता लाने के उद्देश्य से साॅफ्टवेयर चाणक्य तथा विश्वकर्मा को विभागीय कार्यों के गुणवत्तायुक्त सम्पन्न करने हेतु जारी किया।
लोक निर्माण विभाग के सभी कार्यों में ई-गवर्नेन्स तथा ई-आॅफिस प्रणाली की गई लागू-

डिप्टी सीएम ने बताया कि अब लोक निर्माण विभाग के सभी कार्यों में ई-गवर्नेन्स तथा ई-आॅफिस प्रणाली लागू कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि अब 1 करोड़ रुपए से अधिक लागत के समस्त कार्यों की ई-एम0बी0 एवं ई-बिलिंग चाणक्य साफ्टवेयर के माध्यम से की जायेगी तथा सभी निर्माणाधीन कार्याें की मांग एवं उसका आवंटन विश्वकर्मा साफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा। इससे प्रत्येक स्तर पर लोक निर्माण विभाग के कार्याें में पारदर्शिता, शुचिता, गुणवत्ता तथा समयबद्धता आयेगी।
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि 28 जून से लोक निर्माण विभाग के समस्त मार्गों का निरीक्षण अभियान जारी है, जिसके माध्यम से सभी मार्गों का डाटा जैसे मार्गों पर पैच की स्थिति, मार्गों पर सर्फेसिंग की स्थिति, निर्माणाधीन कार्यों का विवरण तथा मार्गों पर नये प्रस्तावित कार्य आदि का डाटा हार्ड काॅपी तथा आॅनलाइन एकत्र किया जा रहा है। इसके बाद समस्त प्रकार के कार्यों का विश्लेषण किया जायेगा। विभाग द्वारा एक ऐप भी बनाया गया है, जो कि सभी निरीक्षण अधिकारियों को मोबाईल पर उपलब्ध करा दिया गया है। इस ऐप के माध्यम से निरीक्षण अधिकारी कार्यस्थल से ही आवश्यक विवरण एवं फोटोग्राफ लोड कर आॅनलाईन आख्या प्रेषित कर रहे हैं, जिनको संकलित करने का कार्य मुख्यालय पर किया जा रहा है। वर्तमान में रोड डायरेक्ट्री के अनुसार प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के अधीन विभिन्न श्रेणी के अन्तर्गत कुल 1,04,244 मार्ग हैं जिनकी कुल लम्बाई 2,35,789 किमी0 है।
प्रदेश में सड़क निर्माण से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा के बाद उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में रू0 50 करोड़ की लागत के कुल 122 कार्यों के लिये हुडको से प्राप्त ऋण/बजट उपलब्ध कराते हुये लक्षित समय तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि 2001 की जनगणना के आधार पर 250 से अधिक आबादी के 1557 राजस्व गांव स्वीकृति हेतु अवशेष थे। जिसके विरूद्ध अब तक 1545 ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़ने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
उपमुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता में बताया कि वर्ष 2017 में प्रदेश में टाॅप करने वाले छात्रों के सभी 24 ग्रामों की सड़कों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है जबकि वर्ष 2018 में प्रदेश में टाॅप करने वाले 97 आंकलित कार्यों में से 86 कार्यों के आगणन प्राप्त हुये हैं, इनमें से 71 के लिये स्वीकृतियां जारी कर दी गयी है। मौर्य ने कहा कि प्रदेश में 316 तहसील मुख्यालयों में से 290 तहसील मुख्यालय दो लेन मार्ग से जुड़ चुके हैं, शेष 26 तहसील मुख्यालयों में से 12 को भी दो लेन मार्ग से जोड़ने की स्वीकृति की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि इण्टर स्टेट कनेक्टीविटी के 54 स्वीकृत कार्यों में से 49 कार्यों के लिये निविदा प्राप्त हो गयी है। इसके साथ ही त्वरित विकास योजना में राज्य मार्ग, जिला मार्ग एवं अन्य जिला मार्गों के 28 कार्य स्वीकृत हैं, जबकि इसी योजना में सेतु/आर0ओ0बी0 के 5 कार्य स्वीकृत किये गये है, जिसके लिये राज्य योजना से धनराशि की मांग की गयी है। मौर्य ने कहा कि निर्माणाधीन कार्यों में अवशेष लम्बाई को नवीन तकनीक से पूर्ण किया जायेगा। बुन्देलखण्ड विकास निधि पर चर्चा करते हुये उन्होंने बताया कि इस योजना में 726 निर्माणाधीन कार्यों को पूर्ण करने हेतु रू0 158 करोड़ की आवश्यकता है जिसमें से रू0 100 करोड़ की धनराशि उपलब्ध हो गयी है तथा आवंटित कार्यों को गति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन कार्यों में यूटीलिटी शिफ्टिंग की बाधाओं को दूर करने हेतु सेल का गठन किया गया है तथा फील्ड अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि फील्ड में उन्हे किसी प्रकार की समस्या हो तो तत्काल अवगत करायें।

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