लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का प्लास्टिक सर्जरी विभाग
सीओ-2 लेजर तकनीक से सर्जरी की तैयारी कर रहा है। इस तकनीक से कम समय में
बेहतर इलाज किया जा सकता है। प्लास्टिक सर्जरी विभाग में बारीक सर्जरी के
लिए सीओ-2 लेजर तकनीक को बेहतर माना गया है। शनिवार को केजीएमयू का
प्लास्टिक सर्जरी विभाग अपना 4०वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस अवसर पर
लुधियाना में क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज के निदेशक व प्लास्टिक सर्जन डॉ.
अब्राह्म थॉमस माइक्रो वास्कुलर सर्जरी के बारे में व्याख्यान देंगे।
केजीएमयू प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एके सिंह ने बताया
कि 14वां स्व. प्रोफेसर आरएन शर्मा ओरेशन के अंतर्गत ‘इवोलूशन एंड इनोवेशन
इन माइक्रोसर्जरी’ पर चर्चा की जाएगी। स्थापना दिवस पर सेमिनार में
प्लास्टिक सर्जरी से लाभ व आधुनिक इलाज की तकनीकों को केजीएमयू में लाने का
प्रस्ताव भी लाया जाएगा। शुक्रवार को उन्होंने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी
विभाग में .8 एमएम से 2.5 एमएम तक खून की ग्रंथियों की सर्जरी करनी होती
है। इस सर्जरी के लिए विभाग के पास दो लेजर तकनीक है। सर्जरी में इन दिनों
सीओ-2 लेजर तकनीक की मांग बढ़ी है। केजीएमयू से इस तकनीक में इलाज उपलब्ध
कराना प्राथमिकता है। इस तकनीक से कम समय में बेहतर सर्जरी की जाती है।
बर्न यूनिट के काम में आई तेजी
केजीएमयू
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एके सिंह ने बताया कि
मुख्यमंत्री ने बर्न यूनिट के लिए बजट को पास कर दिया है। यूनिट के संचालन
के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। प्लास्टिक सर्जरी विभाग की देखरेख में
इसका काम संचालन होगा। अगले कुछ महीनों में बर्न यूनिट शुरू कर दी जाएगी।
जिससे लोगों को केजीएमयू में बेहतर इलाज उपलब्ध हो सकेगा। इसका फायदा आसपास
के जिलों के लोगों को भी होगा।