इसके बाद 7 दिसंबर से गुरु उदय होने के बाद ही विवाह समारोह होंगे । दूसरी ओर 16 दिसंबर से खरमास 15 जनवरी तक रहेगा । इसलिए विवाह समारोह नहीं होंगे । पापमोचनी एकादशी मंगलवार को मनाई गई । आचार्य ने बताया कि बुधवार 14 मार्च की रात 1:20 बजे से खरमास शुरू हो गया है । यह खरमास 14 अप्रैल को दिन में 10:03 तक चलेगा । उन्होंने बताया कि मीन राशि पर सूर्य जब जाते हैं तब खरमास लगता है इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं करनी चाहिए पर यज्ञोपवीत किया जा सकता है ।
क्या है खरमास
हिंदू धर्म अनुसार सूर्य प्रत्येक राशि में पूरे 1 माह के लिए रहता है । जिसके अनुसार पूरे वर्ष भर में यानी 12 महीनों में 12 राज्यों में प्रवेश करता है । सूर्य का भ्रमण पूरे साल चलता रहता है । इसी कारण वर्ष भर में शुभ और अशुभ मुहूर्त परिवर्तित होते रहते हैं । 12 राशियों में भ्रमण करते हुए जब सूर्य गुरु यानि बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है तो खरमास प्रारंभ हो जाता है । जिससे सभी तरह के शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं ।
इन राशि के लोगों पर पड़ेगा प्रभाव
सूर्य के मीन राशि में जाने से गुरु की राशि धनु व मीन और सूर्य की राशि सिंह के जातक प्रभावित होंगे। इन तीन राशि वाले जातक स्वाभाविक रूप से शिथिल महसूस करेंगे। इस एक माह के दौरान इनका किसी काम में मन नहीं लगेगा। थकान और आलस इन पर हावी रहेगा। स्वास्थ्य में भी गिरावट आएगी।
विवाह के शुभ मुहूर्त
अप्रैल – 14, 18, 19, 20, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30
मई – 1, 2, 5, 6, 11, 12
जून – 18, 19, 20, 21, 22, 23, 25, 27, 29, 30
जुलाई – 5, 9, 10, 11, 16
दिसंबर – 10, 15