ये भी पढ़ें- यूपी में हुआ बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, एक दर्जन उप जिलाधिकारियों के हुए तबादले, देखें लिस्ट यह था मामला- मामला जियामऊ (Jiamau) मोड़ का है, जहां रविवार शाम वीआइपी मूवमेंट (VIP movement) के चलते पीजीआइ (PGI) एकता नगर (Etka Nagar) में रहने वाले यातायात पुलिस के हेड कांस्टेबल (Head constable) सूर्य प्रकाश (58) ड्यूटी पर थे। भारतीय प्रबंधन संस्थान IIM-Lucknow से सीएम योगी (CM Yogi) व उनके मंत्रियों को गुजरना था। उनका काफिला 1090 चौराहे (1090 chauraha) पर जैसे ही पहुंचा, सभी यातायात सिपाहियों को अलर्ट कर दिया गया। इस बीच जियामऊ मोड़ (Jiamau Mod) पर तैनात सूर्य प्रकाश (Surya Prakash) ने देखा कि बीच सड़क पर तीन बाइक सवार आ गए हैं, जिन्हें हटाने के लिए वह दौड़ गए। इसी बीच हवा से बाते कर रही बाइक पर सवार किशोर ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी जिससे हेड कांस्टेबल का हाथ व पैर टूट गया। तुरंत लोगों की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। बाद में सिपाही की तहरीर पर पुलिस ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया। गाड़ी नंबर के आधार पर वाहन चालक भी हत्थे चढ़ा मगर, जांच में पता चला कि वह तो नाबालिग है। ऐसे में उसे मुचलका भरवाकर जमानत (bail) दे दी गई। लेकिन अब पिता पर इसकी गाज गिरेगी। पुलिस जेजे बोर्ड (Juveline Justice Board) में मामले की रिपोर्ट पेश करेगी। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
ये भी पढ़ें- यूपी में दलित युवक की जिंदा जलाकर बेरहमी से हत्या, सदमे से मां की भी हो गई मौत, यूपी पुलिस में हड़कंप पिता को जाना पड़ सकता है-
यह जुर्म बेशक बेटे के हाथ हुआ है मगर, कार्रवाई की तलवार उसके पापा पर भी लटक गई है। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) की धारा 199-अ (Section 199-A) के तहत किशोर का संरक्षक या वाहन स्वामी उस उल्लंघन का दोषी माना जाएगा। किशोर का किया अपराध दंडनीय होगा। इसके साथ ही उपधारा दो के तहत संरक्षक को तीन वर्ष तक का कारावास और 25 हजार जुर्माना भरना पड़ सकता है। वहीं, प्रयुक्त वाहन की एक साल तक के लिए वैद्यता रद होगी। 25 साल की उम्र से पूर्व किशोर का लाइसेंस नहीं बन सकेगा।
यह जुर्म बेशक बेटे के हाथ हुआ है मगर, कार्रवाई की तलवार उसके पापा पर भी लटक गई है। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) की धारा 199-अ (Section 199-A) के तहत किशोर का संरक्षक या वाहन स्वामी उस उल्लंघन का दोषी माना जाएगा। किशोर का किया अपराध दंडनीय होगा। इसके साथ ही उपधारा दो के तहत संरक्षक को तीन वर्ष तक का कारावास और 25 हजार जुर्माना भरना पड़ सकता है। वहीं, प्रयुक्त वाहन की एक साल तक के लिए वैद्यता रद होगी। 25 साल की उम्र से पूर्व किशोर का लाइसेंस नहीं बन सकेगा।