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फिरौती के नहीं मिले एक करोड़ रूपये तो बदमाशों ने ले ली जान

locationलखनऊPublished: Apr 27, 2016 03:05:00 pm

Submitted by:

Sudhir Kumar

मृतक के भाई सरोज के मुताबिक उसका भाई विनोद पिछली 4 अप्रैल को लखनऊ जाने की बात कहकर घर से निकला था। लेकिन बीच रास्ते में उसका अपहरण हो गया था।

Malihabad Police Station

Malihabad Police Station

लखनऊ. राजधानी के मलिहाबाद इलाके में बुधवार को हत्या कर लटकाए गए शव की पहचान हो गई है। बताया जाता है कि मृतक का अपहरण कर लिया गया था। वह पिछली 4 अप्रैल से घर से लापता था। अपहरणकर्ताओं ने फिरौती में एक करोड़ रूपये की रकम मांगी थी। मृतक का भाई फिरौती की रकम देने के लिए पुलिस के साथ गया था लेकिन वापस घर आते समय मृतक के भाई की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। बुधवार को मृतक के भाई ने उसकी पहचान की।

गौरतलब है कि मलिहाबाद के यादव खेड़ा गांव में डींगुर पाल की आम की बाग में मंगलवार को ग्रामीणों ने एक युवक का शव गमछे के सहारे लटका देखा था। मृतक के चेहरे पर चोट के निशान थे। मृतक के हाथ पर ‘विनोद कुमार’ नाम गुदा हुआ था। वह नीली जींस सफेद नीली धारीदार शर्ट पहने था। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। वहीं, भटखेडवा बंशी गढ़ी निवासी अंकित की तहरीर पर पुलिस ने हत्या व साक्ष्य छिपाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की थी। सोशल मीडिया और अखबारों में छपे हुलिया की खबर देख कर मृतक के भाई सरोज ने अपने भाई विनोद कुमार (25) निवासी हाजीपुर गौसा औरास उन्नाव के रूप में उसकी पहचान की।

चार अप्रैल से घर से था लापता
मृतक के भाई सरोज के मुताबिक उसका भाई विनोद पिछली 4 अप्रैल को लखनऊ जाने की बात कहकर घर से निकला था। लेकिन बीच रास्ते में उसका अपहरण हो गया था। अपहरण की जानकारी उसके बड़े भाई आजाद को तब हुई जब उसके मोबाईल पर एक करोड़ रूपये की फिरौती की कॉल आई। इसके बाद पूरा परिवार दहशत में आ गया।

पुलिस ने काफी कोशिश की लेकिन नहीं बच पाई जान
थाना प्रभारी औरास विनोद यादव ने बताया अपहरण की सूचना मिलने के बाद 15 अप्रैल को एक करोड़ रूपये की फिरौती मांगने और अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद पुलिस और एसओजी टीम अपहरणकर्ताओं के पीछे फिरौती की रकम लेकर घूमती रही। किडनैपर जिस स्थान पर बुलाते थे वहां पुलिस टीम उसके भाई को लेकर जाती थी लेकिन किडनैपर अपना स्थान बदल देते थे।

सड़क हादसे में भाई की मौत के बाद ठंडी हो गई पड़ताल
थानाध्यक्ष विनोद यादव ने बताया पड़ताल के दौरान पुलिस किडनैपरों की तलाश में जुटी थी कि असीमन के पास पिछली 23 अप्रैल को आजाद की सड़क हादसे में मौत हो गयी। इसके बाद किडनैपरों ने फोन करना बंद कर दिया। इस दौरान पुलिस की पड़ताल सुस्त पड़ गई। किडनैपरों का नंबर सर्विलांस पर नंबर भी था लेकिन नंबर बंद होने की बजह से लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाई। तबतक मलिहाबाद में विनोद का शव मिलने की सूचना मिल गई।

घर में मचा कोहराम, पत्नी हुई बेहोश
मौत की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी बेहोश होकर गिर गई। वहीं मृतक के दो साल के बेटे का भी सबको रोता देख बुरा हाल था। वहीं घटना से गांव में मातम छा सा छा गया। गांव वाले नम आंखों से कह रहे थे कि एक सप्ताह में एक ही घर में दो भाइयों की अर्थी उठ गयी। घरवालों पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया। गांव वाले उनको ढांढस बंधाने में जुटे थे।
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